
जोहो अरट्टई पर कभी नहीं दिखाएगी विज्ञापन, जबरदस्त सफलता पर क्या बोले कंपनी प्रमुख?
क्या है खबर?
जोहो का भारतीय मैसेजिंग ऐप अरट्टई का उपयोग करने वालों की संख्या में कुछ ही सप्ताहों में भारी वृद्धि देखी गई है। देश में इसके दैनिक साइन-अप में 100 गुना से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है। जोहो के एक शांत आंतरिक प्रयोग के रूप में शुरू हुआ यह ऐप अब देश में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप्स में से एक बन गया है। इसके साथ कंपनी पर बढ़ते यूजर बेस को बनाए रखने का भी दबाव है।
विज्ञापन नीति
विज्ञापन दिखाने को लेकर क्या बोले वेंबू?
इंडिया टुडे टेक के साथ बातचीत में जोहो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मणि वेंबू ने मुद्रीकरण, गोपनीयता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एकीकरण को लेकर कंपनी की योजनाओं का खुलासा किया। ऐसे समय में जब ज्यादातर फ्री मैसेजिंग प्लेटफॉर्म विज्ञापन-आधारित बिजनेस मॉडल पर निर्भर हैं, लेकिन जोहो विज्ञापनों से दूर रहकर एक अलग रास्ता अपना रही है। वेंबू ने साफ कर दिया है कि अरट्टई कभी विज्ञापन नहीं दिखाएगा, चाहे उसका यूजर बेस कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए।
वित्तीय जरूरत
बाहर से फंडिंग को बताया गोपनीयता से समझौता
वेम्बू ने बताया, "अपने व्यावसायिक ऐप्स के साथ भी हमने विज्ञापन न देने, ट्रैकिंग न करने और किसी थर्ड पार्टी के साथ यूजर्स डाटा शेयर न करने का संकल्प लिया है। और यही समय के साथ हमारी अलग पहचान बनने वाला है।" उनका तर्क है कि विज्ञापनों या बाहरी फंडिंग अस्वस्थ निर्भरता पैदा करती है और यूजर्स की गोपनीयता से समझौता करती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जोहो मैसेजिंग ऐप की सभी वित्तीय जरूरतों का ध्यान रख रहा है।
E2E
जल्द लागू होगा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन
अरट्टई फिलहाल वॉयस और वीडियो कॉल के लिए एन्क्रिप्शन की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन जल्द ही वह टेक्स्ट के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2E) पेश करने जा रही है। इसको लेकर कंपनी प्रमुख ने कहा कि इस पर अभी सक्रिय रूप से काम चल रहा है और यह कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अलावा कंपनी अपने इन-हाउस लार्ज लैंग्वेज मॉडल जिया AI का उपयोग करके AI-संचालित सुविधाओं को एकीकृत करने की योजना बना रही है।