
अरट्टई के लिए चल रही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की टेस्टिंग, कंपनी प्रमुख ने दिया अपडेट
क्या है खबर?
जोहो अपने मेड इन इंडिया मैसेजिंग ऐप अरट्टई के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) का परीक्षण कर रही है और इसे जल्द शुरू करने की योजना है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) श्रीधर वेंबू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इसका खुलासा किया है। वर्तमान में अरट्टई का जोहो क्लिक व्यवस्थापक नियंत्रण, फिल्टरिंग और एकीकरण को सक्षम करने के लिए क्लाउड स्टोरेज पर निर्भर करता है, जबकि आगामी एन्क्रिप्शन मॉडल गोपनीयता को प्राथमिकता देता है।
बयान
सर्वर लागत में आएगी कमी
श्रीधर वेंबू ने एक्स पोस्ट में बताया कि अरट्टई में क्लाउड स्टोरेज को बंद कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यूजर्स का डाटा केवल डिवाइस पर ही रहे। उन्होंने कहा, "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन उस डाटा को केवल डिवाइस पर ही रखता है, ताकि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड चैट की सुविधा मिल सके। अभी इसकी टेस्टिंग चल रही है।" इस कदम से जोहो की सर्वर लागत भी कम हो गई है, क्योंकि एन्क्रिप्टेड मैसेज सीधे डिवाइस में सेव होंगे।
E2EE
क्या होता है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सुविधा यह सुनिश्चित करता है कि मैसेज, कॉल, फोटो और फाइलें आपके फोन से निकलने से पहले ही एन्क्रिप्ट हो जाएं और केवल प्राप्तकर्ता के डिवाइस द्वारा ही डिक्रिप्ट की जा सकें। इसका मतलब है कि अरट्टई खुद भी आपके मैसेज को नहीं पढ़ पाएगा, जबकि पारंपरिक चैट ऐप्स सर्च या संग्रह जैसी सुविधाओं के लिए कंपनी के सर्वर पर मैसेज का डाटा संग्रहीत करते हैं। व्हाट्सऐप ने E2EE को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है।