जोहो का अरट्टई भारत के शीर्ष 100 ऐप्स से बाहर, श्रीधर वेंबू ने दी यह प्रतिक्रिया
क्या है खबर?
भारतीय टेक कंपनी जोहो का चैट ऐप अरट्टई हाल ही में भारत के शीर्ष 100 ऐप्स की सूची से बाहर हो गया है। इस पर कंपनी के संस्थापक और मुख्य वैज्ञानिक श्रीधर वेंबू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक अस्थायी स्थिति है। उन्होंने कहा, "हर कंपनी को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है और यही विकास का हिस्सा है। कोई भी चीज सीधे सफलता तक नहीं पहुंचती, इसलिए हमें धैर्य और दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना चाहिए।"
प्रतिक्रिया
वेम्बू ने दी प्रतिक्रिया
आज समाचार एजेंसी ANI को दिए एक साक्षात्कार में वेंबू ने कहा कि यह घटना चिंताजनक नहीं है, बल्कि एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने अपने कर्मचारियों से कहा, "यह पल ज्यादा देर तक नहीं टिकेगा और इसे लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।" वेंबू ने आगे कहा, "जो लोग इसका मज़ाक उड़ा रहे हैं, वे अपना समय बर्बाद कर रहे हैं, क्योंकि सफलता और गिरावट दोनों किसी भी कंपनी के सफर का हिस्सा हैं।"
आत्मनिर्भर
भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर
साक्षात्कार में वेंबू ने कहा कि भारत को एक उच्च-आय वाला व्यापारिक राष्ट्र बनने के लिए अपनी तकनीकी क्षमताएं खुद विकसित करनी होंगी। उन्होंने चेताया कि अगर भारत केवल कम कीमत वाले उत्पादों का निर्यात और महंगी तकनीकों का आयात करता रहेगा, तो देश कम आय के जाल में फंसा रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत को अपने नवाचारों और तकनीकों को खुद बनाकर वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति हासिल करनी होगी।
अन्य
भाषा और आत्मविश्वास को बताया सफलता की कुंजी
वेंबू ने कहा कि भारत को आगे बढ़ने के लिए सरकारी सहायता पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास और नवाचार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के उद्यमियों ने खुद पर भरोसा करके तकनीकी विकास किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी मातृभाषाओं को पुनर्जीवित करना चाहिए, क्योंकि अंग्रेजी पर निर्भरता के कारण देश की 70-80 प्रतिशत प्रतिभा तकनीकी क्षेत्र में योगदान देने से वंचित रह जाती है।