पृथ्वी की ओर बढ़ रहा रहस्यमयी पिंड, अगर टकराया तो क्या होगा असर?
क्या है खबर?
अंतरिक्ष से पृथ्वी की तरफ एक रहस्यमयी पिंड बढ़ रहा है, जिसकी खोज इसी साल 1 जुलाई को हुई थी। इस पिंड का नाम 3I/एटलस रखा गया है और यह सौरमंडल में देखा गया केवल तीसरा अंतरतारकीय पिंड (ISO) है। यह हाल ही में सूर्य के सबसे नजदीकी बिंदु से गुजरा है और अब पृथ्वी की दिशा में बढ़ रहा है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह सुरक्षित दूरी से गुज़रेगा और कोई खतरा नहीं पैदा करेगा।
असर
अगर टकराया तो क्या होगा असर?
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कोई अंतरतारकीय पिंड पृथ्वी से टकराए, तो इसका सबसे ज्यादा असर भूमध्य रेखा के पास के क्षेत्रों पर होगा। अध्ययन के अनुसार, इन क्षेत्रों में दुनिया की लगभग 90 प्रतिशत आबादी रहती है, इसलिए ऐसे टकराव से सबसे अधिक जनहानि की आशंका है। शोध में बताया गया है कि उत्तरी गोलार्ध भी ऐसे प्रभावों के प्रति संवेदनशील है, लेकिन उतना जोखिम यहां नहीं देखा गया है।
जगह
कहां से आते हैं ऐसे पिंड?
शोध के मुताबिक, यह पिंड आम तौर पर M-तारों (लाल बौनों) से उत्पन्न होते हैं, जो आकाशगंगा में सबसे ज्यादा पाए जाने वाले तारे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिकतर पिंड सौर शीर्ष और आकाशगंगा तल की दिशा से पृथ्वी की ओर आते हैं। सौर शीर्ष वह दिशा है, जिसमें सूर्य अंतरिक्ष में आगे बढ़ता है, जबकि आकाशगंगा तल एक चपटा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक तारे मौजूद होते हैं।
अन्य
धीमी गति वाले पिंड ज्यादा खतरनाक
अध्ययन के अनुसार, जो पिंड धीमी गति से चलते हैं, वे पृथ्वी के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उन्हें आसानी से अपनी ओर खींच सकता है। तेज गति से गुजरने वाले पिंडों का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे पिंड वसंत ऋतु में अधिक देखे जाते हैं, जबकि सर्दियों में टकराव की संभावना बढ़ जाती है, जब पृथ्वी सूर्य से विपरीत दिशा में होती है।