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यूट्यूब पर डीपफेक वीडियो को पहचानना हुआ आसान, कंपनी ने पेश किया AI डिटेक्शन टूल
यूट्यूब पर डीपफेक वीडियो को पहचानना हुआ आसान (तस्वीर: अनस्प्लैश)

यूट्यूब पर डीपफेक वीडियो को पहचानना हुआ आसान, कंपनी ने पेश किया AI डिटेक्शन टूल

Oct 22, 2025
09:26 am

क्या है खबर?

यूट्यूब डीपफेक की समस्या से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही है। कंपनी ने अब एक खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर पेश किया है, जो पार्टनर प्रोग्राम के क्रिएटर्स को उनके चेहरे की मदद से अनधिकृत वीडियो पहचानने और रिपोर्ट करने की सुविधा देता है। इस फीचर के जरिए क्रिएटर्स अपने कंटेंट की सुरक्षा कर सकते हैं और AI के जरिए बने या अनधिकृत वीडियो को आसानी से हटाने के लिए अनुरोध भेज सकते हैं।

समीक्षा

कंटेंट डिटेक्शन और समीक्षा

क्रिएटर्स अपनी पहचान सत्यापित करने के बाद यूट्यूब स्टूडियो के कंटेंट डिटेक्शन टैब में फ्लैग किए गए वीडियो देख सकते हैं। अगर कोई वीडियो अनधिकृत या AI से बना कंटेंट जैसा लगे, तो क्रिएटर्स उसे हटाने का अनुरोध कर सकते हैं। यह सिस्टम कंटेंट ID की तरह काम करता है, जो कॉपीराइट वाले ऑडियो और वीडियो का पता लगाने के लिए उपयोग होता है और क्रिएटर्स को उनके डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा में मदद करता है।

 परीक्षण 

प्रारंभिक परीक्षण और पायलट प्रोग्राम

यूट्यूब ने इस फीचर की घोषणा पिछले साल की थी और दिसंबर में क्रिएटिव आर्टिस्ट एजेंसी (CAA) की प्रतिभाओं के साथ पायलट प्रोग्राम शुरू किया था। इस दौरान AI से बना कंटेंट और चेहरे की समानता की पहचान तकनीक को टेस्ट किया गया। इसका उद्देश्य बड़े क्रिएटर्स और हस्तियों को उनके कंटेंट की सुरक्षा के लिए शुरुआती स्तर की तकनीक उपलब्ध कराना और प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत AI वीडियो पर नियंत्रण सुनिश्चित करना था।

आवश्यकताएं

AI नीतियां और लेबलिंग आवश्यकताएं

यूट्यूब और गूगल AI वीडियो क्रिएशन और एडिटिंग टूल को बढ़ावा दे रहे हैं। मार्च से, क्रिएटर्स से AI से बने या मोडिफाई किए हुए वीडियो को लेबल करने की भी आवश्यकता की गई है। इसके अलावा, AI म्यूजिक पर भी सख्त नीति लागू है, जिसमें किसी कलाकार की अनूठी आवाज की नकल करने वाले कंटेंट को अनुमति नहीं है। यह कदम क्रिएटर्स और कलाकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया है।