
यूट्यूब वीडियो में इस्तेमाल कर सकेंगे अपशब्द, कमाई पर नहीं पड़ेगा असर
क्या है खबर?
यूट्यूब ने अपनी मॉनेटाइजेशन पॉलिसी को अपडेट किया है, जिससे कंटेंट क्रिएटर्स को अपने वीडियो के पहले 7 सेकेंड में कठोर अपशब्दों (जैसे 'f*ck') का इस्तेमाल करने की अनुमति मिल गई है। उन्हें पूरी विज्ञापन आय से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। यह घोषणा यूट्यूब के मॉनेटाइजेशन पॉलिसी के अनुभव प्रमुख कॉनर कावानाघ ने की है। पहले ऐसे वीडियो केवल सीमित विज्ञापन आय के लिए ही पात्र थे, जिससे क्रिएटर्स के लिए अपने कंटेंट से कम कमाई होती थी।
प्रतिबंध
कब लगाया गया था प्रतिबंध?
यूट्यूब की अनुचित भाषा नीतियां क्रिएटर्स के लिए एक विवादास्पद मुद्दा रही हैं। नवंबर, 2022 में गूगल ने प्लेटफॉर्म पर वीडियो के पहले 8-15 सेकेंड में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर विज्ञापन से होने वाली आय को सीमित किया जा सकता है। इसका पता लगाने के लिए क्रिएटर सुंगवोन चो ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने 15 सेकेंड के बाद अभ्रद शब्द का उपयोग किया। बाद में इस नीति के कारण उनके वीडियो को बंद कर दिया गया।
बदलाव
इस कारण किया नीति में बदलाव
मार्च 2023 में इस प्लेटफॉर्म ने अपनी नीतियों में बदलाव किया, जिसके तहत शुरुआती 8-15 सेकेंड में गाली-गलौंच वाले वीडियो को विज्ञापन आय के लिए पात्र माना गया। यह क्रिएटर्स के लिए एक स्वागत योग्य बदलाव था। कावनाघ ने बताया कि शुरुआती नीति प्रसारण मानकों के अनुरूप बनाई गई थी, लेकिन समय के साथ ये अपेक्षाएं बदल गई हैं, क्योंकि विज्ञापनदाता अब अपनी पसंद के अनुसार गाली-गलौंच के स्तर के आधार पर सामग्री को लक्षित कर सकते हैं।
प्रतिबंध
कहां अभी भी जारी रहेगा प्रतिबंध?
नए बदलावों के बावजूद यूट्यूब अभी भी टाइटल या थंबनेल में मध्यम या अत्यधिक अभद्र भाषा वाले वीडियो के लिए मॉनेटाइजेशन प्रतिबंधित करना जारी रखेगा। कावनाघ ने स्पष्ट किया कि अत्यधिक अभद्र भाषा वाले वीडियो को अभी भी यूट्यूब के विज्ञापनदाता-अनुकूल सामग्री दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जाता है। उन्होंने क्रिएटर्स को ऐसी भाषा का प्रयोग करते समय सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा, "आपको अपनी पसंद का चयन सावधानी से करना होगा।"