
समाचार के लिए AI पर नहीं कर सकते भरोसा, नए अध्ययन में किया दावा
क्या है खबर?
यूरोपीय प्रसारण संघ (EBU) और BBC ने एक अध्ययन में दावा किया है कि प्रमुख आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) असिस्टेंट अपने लगभग आधे उत्तरों में समाचार कंटेंट को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं। रिपोर्ट में 4 सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले AI चैटबॉट- ChatGPT, कोपायलट, जेमिनी और पेरप्लेक्सिटी का परीक्षण किया गया। इन्होंने समाचार घटनाओं के बारे में दिए गए उत्तरों को पैरोडी समझ लिया, गलत तारीखें दे दी या फिर घटनाओं को मनगढ़ंत बना दिया।
समस्या
चैटबॉट सटीकता से नहीं दे सके जवाब
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर सभी AI उत्तरों में से 45 प्रतिशत में कम से कम एक महत्वपूर्ण समस्या थी, चाहे वे किसी भी भाषा या देश के हों। हर 5 में से एक उत्तर में सटीकता से जुड़ी बड़ी समस्याएं थीं, जिनमें भ्रामक विवरण और पुरानी जानकारी शामिल थी। जेमिनी ने 76 प्रतिशत प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ सबसे खराब प्रदर्शन किया, जो अन्य असिस्टेंस की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
समसामयिक विषय
समसामयिक विषय से जुड़ी जानकारी भी भ्रामक
इस साल मई और जून के बीच 18 यूरोपीय देशों के सार्वजनिक मीडिया संस्थानों ने AI चैटबॉट्स से समसामयिक विषयों से जुड़े एक जैसे सवाल पूछे। 3,000 प्रतिक्रियाओं में पुरानी जानकारी सबसे आम मुद्दों में से एक थी, जिनके जवाब सही नहीं मिले। EBU के उप महानिदेशक जीन फिलिप डी टेंडर और BBC में AI के प्रमुख पीट आर्चर ने कहा, "AI असिस्टेंस अभी भी समाचार तक पहुंचने और उसे पढ़ने का विश्वसनीय तरीका नहीं हैं।"