शाओमी बढ़ा रही भारत में स्थानीय उत्पादन, दोबारा पाना चाहती है अपनी खोई पोजिशन
स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी के फोन कुछ साल पहले तक बजट रेंज वाली कैटेगरी में खूब पसंद किए जाते थे। अब इसे भारतीय बाजार में कई प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। दूसरी तरफ कंपनी को भारत में जांच का भी सामना करना पड़ा। इन मुश्किलों के चलते इस चीनी स्मार्टफोन कंपनी की बाजार से पकड़ कमजोर होती गई। अब शाओमी बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है और इसके लिए वह भारत में अपना प्रोडक्शन बढ़ा रही है।
शाओमी ने ऑप्टिमस से किया समझौता
शाओमी ने अपने ब्लूटूथ नेकबैंड ईयरफोन बनाने के लिए घरेलू ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से अनुबंध किया है। यह पहली बार है, जब एक भारतीय सप्लायर चीन की दिग्गज कंपनी के लिए ऑडियो प्रोडक्ट बनाएगा। यह बात शाओमी इंडिया के प्रेसिडेंट मुरलीकृष्णन बी ने एक इंटरव्यू में कही है। इससे पहले उन्होंने नोएडा में स्थित ऑप्टिमस कारखाने में कहा था कि वो इसके जरिए पूरी तरह से एक नई कैटेगरी में प्रवेश कर रहे हैं।
वर्षों तक स्मार्टफोन बाजार में रहा शाओमी का दबदबा
रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट के अनुसार, शाओमी ने वर्षों तक भारत के स्मार्टफोन बाजार का नेतृत्व किया, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों और उससे जुड़ी जांच से पिछले साल देश में इसकी शिपमेंट में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। वर्ष 2022 की अंतिम तिमाही में ये तीसरे स्थान पर रही। कड़ा मुकाबला, कंपोनेंट्स की कमी और ग्राहकों के साथ रिटेलर्स को भी कंफ्यूज करने वाले इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो से भी कंपनी को नुकसान पहुंचा है।
शाओमी ने अब इधर बढ़ाया अपना फोकस
शाओमी की प्रतिद्वंदी सैमसंग ने इसे टॉप पोजिशन से पीछे कर दिया और भारत में अपने फोल्ड और फ्लिप स्मार्टफोन के साथ-साथ अपने लेटेस्ट गैलेक्सी S23 फ्लैगशिप का निर्माण कर देश में अपना प्रोडक्शन मजबूत किया है। सैमसंग ने बजट रेंज के स्मार्टफोन में भी अपनी पकड़ बढ़ाई है और इससे भी शाओमी को झटका लगा है। देश में रेवेन्यू बढ़ाने के लिए शाओमी अब स्मार्ट टीवी, ब्लूटूथ ईयरफोन और एक्सेसरीज की बढ़ती मांग की तरफ फोकस कर रही है।
भारत में ईयरफोन और स्मार्टवॉच प्रोडक्शन से दूर भागती थीं कंपनियां
पहले शाओमी और कुछ अन्य चीनी कंपनियां भारत में ईयरफोन और स्मार्टवॉच बनाने से दूर भागती रही हैं। दरअसल, इन प्रोडक्ट्स को चीन से ऐसे बाजार में आयात करना आसान था, जहां अभी भी मांग बढ़ रही थी। इधर भारतीय एजेंसियों की चीनी फर्मों पर कार्रवाई तेज होने के कारण वे संभवत: सरकार को खुश करने के लिए भारतीय कंपनियों के साथ तेजी से मैन्युफैक्चरिंग समझौता करने के तरीके तलाशने लगी।
घरेलू कंपनियों के विकास को दर्शाता है शाओमी-ऑप्टिमस की पार्टनरशिप- गुप्ता
सरकार स्थानीय कंपनियों को विश्व स्तर की कंपनी बनने में मदद करने के साथ ही भारत को निर्यात केंद्र बनाना चाहती है। ऑप्टिमस के एक निदेशक नितेश गुप्ता ने कहा कि शाओमी की पार्टनरशिप घरेलू कंपनियों के लगातार विकास को दर्शाती है। ये कंपनियां भारत की मांग को पूरा करने के साथ ही वैश्विक बाजार में निर्यात करने में भी सक्षम हैं। इसमें ऐपल की ताइवानी सप्लायर विस्ट्रॉन कॉर्प को भी एक रणनीतिक पार्टनर के रूप में जोड़ा गया है।
चीनी कंपनी से लावा की बातचीत
ब्लूमबर्ग न्यूज ने अक्बूटबर में बताया था कि भारतीय स्मार्टफोन निर्माता लावा एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनाने के लिए चीन की हुआकिन टेक्नोलॉजी के साथ बातचीत कर रही है। इसका लक्ष्य अमेरिकी और चीनी ग्राहकों से कांट्रैक्ट हासिल करना होगा।