
इस देश में बना खास AI मॉडल, इंसानी दिमाग जैसा करता है काम
क्या है खबर?
चीन के शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला 'दिमाग जैसा' आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल पेश किया है। इसे कम ऊर्जा में काम करने, तेज प्रतिक्रिया देने और एनवीडिया चिप्स के बिना चलाने के लिए बनाया गया है। बीजिंग स्थित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन ने स्पाइकिंगब्रेन 1.0 विकसित किया है। यह मानव मस्तिष्क की तरह केवल आवश्यक न्यूरॉन्स को सक्रिय करता है, जिससे बिजली बचती है और लंबे टेक्स्ट पर भी तेज और कुशल प्रतिक्रिया मिलती है।
खासियत
स्पाइकिंग कंप्यूटेशन और ऊर्जा बचतस्पाइकिंग कंप्यूटेशन और ऊर्जा बचत
स्पाइकिंगब्रेन 1.0 'स्पाइकिंग कंप्यूटेशन' तकनीक का इस्तेमाल करता है। यह मस्तिष्क की तरह केवल तभी सिग्नल भेजता है जब जरूरत हो। इसके कारण सिस्टम अधिकांश समय शांत रहता है और ऊर्जा की खपत कम होती है। मॉडल केवल जरूरी इनपुट पर प्रतिक्रिया करता है, पूरे नेटवर्क को सक्रिय नहीं करता। इससे प्रशिक्षण डाटा की आवश्यकता घटती है और लंबे अनुक्रमों को संभालना आसान होता है। इसका छोटा वर्जन भी पारंपरिक मॉडलों की तुलना में 100 गुना तेज है।
प्रदर्शन
चिप्स और प्रदर्शन
स्पाइकिंगब्रेन पूरी तरह चीन के मेटाएक्स प्लेटफॉर्म पर चलता है, एनवीडिया चिप्स की जरूरत नहीं है। टीम ने 7 अरब और 76 अरब पैरामीटर्स वाले मॉडल बनाए। केवल डाटा का एक छोटा हिस्सा इस्तेमाल होने के बावजूद, मॉडल लोकप्रिय ओपन-सोर्स विकल्पों के बराबर प्रदर्शन करता है। लंबे अनुक्रमों पर यह तेज और कुशल साबित हुआ। परीक्षण में छोटे मॉडल ने 40 लाख टोकन पर मानक सिस्टम से 100 गुना तेज प्रतिक्रिया दी, जबकि बिजली की खपत न्यूनतम रही।
भविष्य
भविष्य और अनुप्रयोग
ली गुओकी ने बताया कि स्पाइकिंगब्रेन कानूनी दस्तावेज, मेडिकल रिकॉर्ड और वैज्ञानिक सिमुलेशन जैसे लंबे डाटा अनुक्रमों को प्रोसेस करने में उपयोगी हो सकता है। टीम ने छोटे मॉडल को ओपन-सोर्स किया है और बड़े मॉडल का सार्वजनिक परीक्षण शुरू किया है। यह परिणाम न केवल गैर-एनवीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़े मॉडल प्रशिक्षण की संभावना दिखाते हैं, बल्कि मस्तिष्क-प्रेरित मॉडलों के भविष्य के अनुप्रयोग और स्केलेबल परिनियोजन के लिए नई दिशाएं भी खोलते हैं।