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दुनिया का पहला निजी स्पेस स्टेशन कब तक होगा लॉन्च और क्या होगी इसकी खासियत?
वास्ट ने अपना पहला निजी स्टेशन हेवन-1 पेश किया है (तस्वीर: वास्ट)

दुनिया का पहला निजी स्पेस स्टेशन कब तक होगा लॉन्च और क्या होगी इसकी खासियत?

Sep 25, 2025
06:55 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी तेजी से विकास हो रहा है। सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी के साथ-साथ अब प्राइवेट कंपनियां भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में बढ़-चढ़कर निवेश कर रही हैं। नासा 2030 तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) को कक्षा से हटाने की योजना बना रही है। इन सबके बीच अमेरिकी कंपनी वास्ट ने अपना पहला निजी स्टेशन हेवन-1 पेश किया है, जो भविष्य में ISS का विकल्प बन सकता है और निजी मिशनों को नई दिशा दे सकता है।

 खासियत 

हेवन-1 की खासियत और आकार 

हेवन-1 एकल मॉड्यूल वाला स्टेशन होगा, जिसका व्यास लगभग 4.4 मीटर और रहने योग्य आयतन 45 घन मीटर है। यह आकार में एक सिंगल-डेक बस जितना है, जबकि ISS का आयतन लगभग 8 गुना बड़ा है। इसमें 4 अंतरिक्ष यात्रियों के लिए निजी सोने की जगह, एक सामुदायिक मेज, 1.2 मीटर की गुंबदाकार खिड़की और स्टारलिंक की तेज इंटरनेट सुविधा होगी। इसे लक्जरी होटल नहीं, बल्कि आरामदायक कामकाज के लिए डिजाइन किया गया है।

उपयोग

अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में उपयोग

हेवन-1 को विज्ञान प्रयोगशाला की तरह भी तैयार किया जा रहा है, जिसमें सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण अनुसंधान, दवा विकास और अर्धचालक तकनीक पर काम किया जा सकेगा। फ्लोरिडा की कंपनी रेडवायर स्पेस पहले से ही ISS पर स्टेम सेल और कैंसर जांच जैसे प्रोजेक्ट कर चुकी है और हेवन-1 में भी ऐसा ही अनुसंधान करने की योजना बना रही है। यह स्टेशन निजी और सरकारी दोनों मिशनों के लिए खुला होगा, जिससे छोटे देशों और निजी अंतरिक्ष यात्रियों को भी नया अवसर मिलेगा।

तैयारी

लॉन्च की समयसीमा और तैयारी

हेवन-1 को 2026 के मई महीने में स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च करने की योजना है। स्टेशन का वास्तविक मॉड्यूल निर्माण के अंतिम चरण में है और वेल्डिंग लगभग पूरी हो चुकी है। अप्रैल, 2026 से पूर्व-लॉन्च कार्य शुरू होंगे। इसके कुछ महीनों बाद स्पेस-X का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान 4 सदस्यीय दल को स्टेशन पर ले जाएगा। यह मिशन लगभग 3 वर्षों तक कक्षा में रहने के लिए तैयार किया जा रहा है।

चुनौतियां 

भविष्य की योजनाएं और चुनौतियां 

वास्ट आगे चलकर हेवन-2 जैसे बड़े स्टेशनों का निर्माण करना चाहता है, जो नासा की भविष्य की प्रतियोगिताओं में ISS के विकल्प बन सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार कॉमर्सियल स्टेशनों का संचालन महंगा है और लागत को नियंत्रित रखना चुनौती होगी। वास्ट अब तक लगभग 90 अरब रुपये निवेश कर चुकी है, जो इसके संस्थापक की निजी पूंजी और ग्राहकों से आने वाले राजस्व का हिस्सा है। यह परियोजना निजी अंतरिक्ष अनुसंधान में अहम मानी जा रही है।