LOADING...
नासा का CLPS प्रोग्राम क्या है, जिसके तहत VIPER रोवर चांद पर जाएगा?
VIPER रोवर चांद पर जाएगा (तस्वीर: नासा)

नासा का CLPS प्रोग्राम क्या है, जिसके तहत VIPER रोवर चांद पर जाएगा?

Sep 22, 2025
09:36 am

क्या है खबर?

नासा चंद्रमा के बारे में नई जानकारी हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नासा ने कहा कि उसका बर्फ-खोज चंद्र रोवर मिशन वोलेटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर (VIPER) फिर शुरू होगा। पहले यह मिशन देरी और बढ़ती लागत के कारण रोक दिया गया था। अब योजना है कि 2027 में इसे कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) कार्यक्रम के तहत भेजा जाए। इस बार मिशन के लिए ब्लू ओरिजन का ब्लू मून मार्क 1 लैंडर चुना गया है।

योजना

ब्लू ओरिजन और VIPER की योजना

ब्लू ओरिजन ने अभी तक चंद्रमा पर लैंडिंग नहीं की है, लेकिन उसका ब्लू मून मार्क 1 लैंडर इस साल के अंत में पहला परीक्षण करेगा। नासा इस नतीजे को देखकर तय करेगी कि VIPER रोवर को उसके अगले लैंडर से भेजा जाए या नहीं। सफल होने पर रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जाएगा, जहां वह पानी की बर्फ और अन्य संसाधनों की खोज करेगा। यह भविष्य के मानव मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देगा।

कार्यक्रम

क्या है CLPS कार्यक्रम?

CLPS नासा का एक खास कार्यक्रम है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां चंद्रमा पर वैज्ञानिक उपकरण और प्रौद्योगिकी पहुंचाती हैं। 2018 में शुरू हुई इस पहल में अब 14 कंपनियां शामिल हैं। कंपनियां पेलोड का लॉन्च, संचालन और लैंडिंग की जिम्मेदारी लेती हैं। 2028 तक इसका कुल अनुबंध मूल्य लगभग 2.6 अरब डॉलर (लगभग 230 अरब रुपये) तक पहुंच सकता है। इसका उद्देश्य आर्टेमिस कार्यक्रम के लिए चंद्र जांच को आसान बनाना है।

तैयारियां

भविष्य के मिशन और तैयारियां

CLPS के जरिए कई मिशन पूरे हो चुके हैं और आने वाले वर्षों में और भी योजनाएं तय हैं। इंट्यूटिव मशीन्स, फायरफ्लाई और एस्ट्रोबोटिक जैसी कंपनियां पहले ही कई पेलोड भेज चुकी हैं। आगे भी नई तकनीकों और वैज्ञानिक प्रयोगों को चंद्र सतह पर परखा जाएगा। नासा का लक्ष्य है कि इन मिशनों से चंद्रमा पर स्थायी उपस्थिति बनाई जाए और मंगल ग्रह पर भविष्य के मानव मिशनों के लिए मजबूत आधार तैयार किया जा सके।