क्या है 'क्लिकफिक्स अटैक', जिससे साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं लोग?
क्या है खबर?
देश में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डीपफेक और फिशिंग जैसे हमलों के बीच अब क्लिकफिक्स ठगी के मामले भी बढ़ने लगे हैं। इसमें स्कैमर्स यूजर्स को नकली लिंक या वेबसाइट के जरिए फंसाते हैं, जो देखने में असली लगती है। यूजर जैसे ही दिए गए निर्देशों का पालन करता है, उसका कंप्यूटर हैक हो सकता है और निजी जानकारी चोरी हो जाती है। आइए जानें क्लिकफिक्स क्या है और इससे कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
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क्लिकफिक्स क्या है?
क्लिकफिक्स एक ऑनलाइन ठगी है, जिसमें स्कैमर्स आपको धोखे से किसी बटन या लिंक पर क्लिक करवाते हैं। वह दिखने में तो कैप्चा जैसा लगता है, लेकिन असल में आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में वायरस डाल देता है। यह मैक और विंडोज दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे हमले ज्यादातर फर्जी ईमेल, नकली होटल बुकिंग या झूठे मैसेज से किए जाते हैं। इसलिए किसी अनजान लिंक या वेबसाइट पर क्लिक करने से बचें।
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हमला कैसे शुरू होता है?
हमला अक्सर मैसेज से शुरू होता है। कोई भरोसेमंद दिखने वाला मैसेज आता है, जिस पर लोग क्लिक कर देते हैं। इसके बाद एक पेज खुलता है, जो आपको कुछ टेक्स्ट कॉपी करके कहीं पेस्ट करने को कहेगा। जब आप वह टेक्स्ट पेस्ट करेंगे, तो आपके कंप्यूटर या फोन में चुपके से खराब सॉफ्टवेयर आ जाएगा और ठग उससे जुड़ जाएंगे। इससे आपका डाटा चोरी हो सकता है और डिवाइस किसी और के नियंत्रण में चला सकता है।
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इससे कैसे ठगा जाता है?
जब मालवेयर सिस्टम में इंस्टॉल हो जाता है, तो ठग आपके पासवर्ड और ब्राउजर की जानकारी चुरा लेते हैं। कुछ मामलों में कंप्यूटर हैकर्स के नियंत्रण में जाकर बॉटनेट बन जाता है या फिर आपके क्रिप्टो वॉलेट और पैसों की जानकारी चोरी हो जाती है। विंडोज यूजर्स को नकली होटल अकाउंट का डर दिखाकर फंसाया जाता है। मैक पर एक लाइन वाले कमांड से हमला किया जाता है, जिससे निजी जानकारी और पैसों का बड़ा नुकसान होता है।
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ऐसी ठगी से कैसे रहें सुरक्षित?
ऐसी ठगी से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि किसी भी अनजान लिंक पर कभी क्लिक न करें और हर मैसेज की सच्चाई जरूर जांचें। हमेशा किसी सेवा की असली वेबसाइट पर जाकर ही जानकारी लें और ऐप्स सिर्फ भरोसेमंद ऐप स्टोर से डाउनलोड करें। अगर कोई साइट आपसे टेक्स्ट कॉपी-पेस्ट करने को कहे, तो ऐसा बिल्कुल न करें। अपने फोन या कंप्यूटर को अपडेट रखें, पासवर्ड बदलते रहें और शक होने पर तुरंत रिपोर्ट करें।