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क्या 2.5 करोड़ जीमेल यूजर्स को भेजी गई थी आपातकालीन चेतावनी? गूगल ने बताई सच्चाई
जीमेल यूजर्स को नहीं भेजी गई थी चेतावनी (तस्वीर: अनस्प्लैश)

क्या 2.5 करोड़ जीमेल यूजर्स को भेजी गई थी आपातकालीन चेतावनी? गूगल ने बताई सच्चाई

Sep 02, 2025
01:04 pm

क्या है खबर?

जीमेल को लेकर पिछले हफ्ते एक खबर काफी सुर्खियों में रही, जिसमें दावा किया गया था कि गूगल ने करोड़ों जीमेल यूजर्स के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है। अब गूगल ने ऐसी सभी खबरों को पूरी तरह से झूठ करार दिया है। कंपनी ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि जीमेल की सुरक्षा मजबूत और प्रभावी है और यूजर्स को किसी भी तरह की आपातकालीन चेतावनी नहीं भेजी गई है।

गलतफहमी 

सेल्सफोर्स सेंधमारी से जुड़ी गलतफहमी 

गूगल ने स्पष्ट किया कि यह भ्रम दरअसल सेल्सफोर्स में हाल ही में हुई सेंधमारी से जुड़ा है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इसके बाद जीमेल के सभी 2.5 अरब यूजर्स को चेतावनी भेजी गई। जबकि सच्चाई यह है कि गूगल ने जून और अगस्त में केवल उन्हीं यूजर्स को जानकारी दी थी जो इस हमले से प्रभावित थे। मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे गलत तरीके से सभी यूजर्स तक चेतावनी मान लिया।

सुरक्षा प्रणाली

गूगल की सुरक्षा प्रणाली और आंकड़े

गूगल का कहना है कि फिशर्स लगातार जीमेल इनबॉक्स में घुसने के नए तरीके खोजते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा प्रणाली 99.9 प्रतिशत से अधिक फिशिंग और मालवेयर प्रयासों को रोक लेती है। कंपनी ने कहा कि उनकी टीमें लगातार सुरक्षा में निवेश करती हैं, नए उपाय लागू करती हैं और यूजर्स को जोखिमों तथा सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी देती रहती हैं। गूगल का मानना है कि तथ्यात्मक जानकारी ही सही मैसेज पहुंचा सकती है।

पासकी 

पासकी अपनाने पर जोर दिया

गूगल ने इस मौके पर पासवर्ड के बजाय पासकी अपनाने की सलाह दी। कंपनी ने बताया कि पासकी पासवर्ड से ज्यादा सुरक्षित होती हैं, क्योंकि इन्हें न तो अनुमान लगाया जा सकता है और न ही चुराया जा सकता है। पासकी निजी और पब्लिक की सिस्टम पर काम करती है, जिसमें प्राइवेट की कभी डिवाइस से बाहर नहीं जाती। इस कारण यह तकनीक फिशिंग हमलों डाटा चोरी से सुरक्षा प्रदान करती है और यूजर्स को अधिक सुरक्षित अनुभव देती है।