
57 लाख रुपये की फीस वाले स्कूल में नहीं हैं शिक्षक, जानिए कैसे होती है पढ़ाई
क्या है खबर?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने हर क्षेत्र में अपना प्रभाव जमा लिया है। अब तक इसने स्कूलों में भी शिक्षकों की जगह लेना शुरू कर दिया है। उत्तरी वर्जीनिया का अल्फा स्कूल इसका एक उदाहरण पेश कर रहा है, जहां नियमित शिक्षकों की जगह AI ऐप से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थी रोजाना केवल 2 घंटे पढ़ाई करते हैं। बाकी बचे समय में वे छोटे प्रोजेक्ट्स पर काम करने के साथ साइकिल चलाने जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं।
गाइड
शिक्षकों की जगह नियुक्त किए गाइड
वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट, इस स्कूल की सालाना फीस 69,000 डॉलर (लगभग 57 लाख रुपये) है। इसमें शिक्षकों की जगह बच्चों पर निगरानी रखने के लिए गाइड्स नियुक्त किए जाते हैं। ये छात्रों को पढ़ाने की जगह प्रेरित रहने और अपनी रुचियों को तलाशने में मदद करते हैं। इसके अलावा AI प्रगति पर नजर रखता है, जरूरतमंद छात्रों को अतिरिक्त अभ्यास करवाता है और अच्छे शिक्षार्थियों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करता है।
मंशा
क्या है स्कूल स्थापित करने के पीछे मंशा?
अल्फा स्कूल मैकेंजी प्राइस के दिमाग की उपज है, जो कहती हैं कि पारंपरिक कक्षाएं अब पुरानी हो चुकी हैं। उनका मानना हैं कि बच्चों को पूरा दिन कक्षा में बैठने की जरूरत नहीं है। 2 घंटे की केंद्रित पढ़ाई ही काफी है। बाकी दिन उन्हें कौशल और जुनून विकसित करने में लगना चाहिए। उनकी इस स्कूल में 25 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही प्राइस की अल्फा स्कूल को पूरे वर्जीनिया में विस्तार करने की योजना है।