
स्पेस-X ने स्टारशिप रॉकेट का 11वां परीक्षण सफलतापूर्वक किया पूरा
क्या है खबर?
एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X ने आज (14 सितंबर) टेक्सास से अपना 11वां स्टारशिप रॉकेट लॉन्च किया है। भारतीय समयानुसार सुबह 04:53 बजे लॉन्च के बाद रॉकेट को हिंद महासागर में सुरक्षित रूप से उतारा गया। यह उड़ान नए संस्करण के परीक्षण से पहले आखिरी लॉन्च थी, जिसमें सुपर हैवी बूस्टर और ऊपरी चरण शामिल थे। सुपर हैवी 7 मिनट बाद मैक्सिको की खाड़ी में उतरा और लैंडिंग इंजन का परीक्षण किया, जो भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।
परीक्षण
उड़ान का महत्व और परीक्षण
इस उड़ान में नकली स्टारलिंक सैटेलाइट्स को तैनात किया गया और अंतरिक्ष में कुछ समय के लिए इंजन जलाए गए। ऑस्ट्रेलिया के पश्चिम में उतरने से पहले नई हीट शील्ड टाइलों का परीक्षण भी किया गया। यह उड़ान भविष्य के मानवयुक्त मिशनों और अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने वाले मिशनों के लिए महत्वपूर्ण थी। इसमें डॉकिंग एडेप्टर और कक्षीय ईंधन भरने के उपकरण शामिल हैं। यह तकनीक भविष्य में अंतरिक्ष में स्टारशिप के ईंधन स्थानांतरण के लिए जरूरी है।
मिशन
भविष्य के मिशन और उन्नत स्टारशिप
स्पेस-X का उद्देश्य उन्नत स्टारशिप प्रोटोटाइप के जरिए इंसानों को चंद्रमा और मंगल तक ले जाना है। इसके लिए ईंधन भरने और कई स्टारशिप टैंकरों का इस्तेमाल करना आवश्यक होगा। यह नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 1972 के बाद पहली बार अमेरिकी मानवयुक्त मिशन को चांद पर भेजेगा। स्टारशिप इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में उड़ान भरेगा। मिशन 2027 में मनुष्यों को चंद्र सतह पर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
अन्य
स्टारशिप का महत्व और अन्य उपयोग
स्टारशिप अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और यह भारी स्टारलिंक सैटेलाइट्स को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण है। यह मस्क के मंगल मिशन और अंतरिक्ष में मालवाहक वाहनों को भेजने की योजना का केंद्र भी है। नासा के सुरक्षा सलाहकारों ने चेतावनी दी है कि चंद्र लैंडर डिजाइन में मामूली देरी भी मिशन को पीछे खिसका सकती है। परीक्षण लैंडिंग और तकनीकी सुधार भविष्य के मानवयुक्त मिशनों और अंतरिक्ष यात्रा के लिए बेहद जरूरी हैं।