
अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल बनाएगी रीयूजेबल रॉकेट, योजना का किया खुलासा
क्या है खबर?
चेन्नई की अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने पूरी तरह से फिर से उपयोग में आने वाले (रीयूजेबल) रॉकेटों के निर्माण की योजना का खुलासा किया है। इससे वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपग्रह प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान कर सकेगा। उसने सिडनी में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में यह घोषणा की और कहा कि उसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि उसके रॉकेट का कोई भी हिस्सा पूरी तरह से नष्ट न हो या पीछे छूट न जाए।
योजना
क्या है कंपनी की योजना?
अग्निकुल ने पिछले साल अपने 3D प्रिंटेड रॉकेट अग्निबाण SOrTeD की पहली उप-कक्षीय परीक्षण उड़ान भरी थी और जल्द ही इसका कक्षीय प्रक्षेपण करने की योजना बना रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी स्वामित्व वाली बहुउद्देशीय और रीयूजेबल तकनीकों के लिए अमेरिका, यूरोप और भारत में प्राप्त कई पेटेंटों के समर्थन से कंपनी व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य पूरी तरह से रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल्स की दिशा में आगे बढ़ रही है।
फायदा
लागत कम करने में इससे मिली मदद
अंतरिक्ष स्टार्टअप के स्वामित्व वाले ऑटोपायलट एल्गोरिदम और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके पूरी तरह से सफल कंट्राेल लॉन्च के बाद कंपनी रीयूजेबल अंतरिक्ष उड़ान तकनीकों को मान्य करने के लिए विकास में तेजी ला रही है। उसकी आंतरिक विकास सुविधाएं इस नए प्रयास की मुख्य प्रेरक शक्तियों में से एक हैं। इसमें प्रत्येक पेटेंट और सिस्टम को अधिक किफायती, अनुकूलन योग्य प्रक्षेपण सेवाओं का सपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।