पेट की गैस की गंध सूंघने से बढ़ सकती है दिमागी क्षमता, शोध में दावा
क्या है खबर?
अमेरिका के शोधकर्ताओं के एक समूह ने पेट से निकलने वाली हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क की कोशिकाओं को गिरावट और अल्जाइमर रोग से बचाने में मदद कर सकती है। यह शोध नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की प्रोसीडिंग्स में प्रकाशित हुआ है और इसमें कोशिकाओं के भीतर एक प्रमुख सिग्नलिंग अणु के रूप में हाइड्रोजन सल्फाइड की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। गैस उम्र बढ़ने और तंत्रिका अपक्षय से जुड़ी प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है।
परीक्षण
चूहों पर किया गया परीक्षण
अपने अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने आनुवंशिक रूप से तैयार चूहों का परीक्षण किया, जो मानव अल्जाइमर रोग का अनुकरण करते हैं। इन चूहों को NaGYY नामक यौगिक का इंजेक्शन दिया गया, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में हाइड्रोजन सल्फाइड छोड़ता है। 12 सप्ताह के बाद व्यवहार परीक्षणों से पता चला कि उपचार न किए गए चूहों की तुलना में इनकी स्मृति और शारीरिक क्रिया में लगभग 50 फीसदी सुधार हुआ है। उपचारित चूहे अधिक सक्रिय थे और याददाश्त भी बेहतर थी।
फायदा
नई दवा विकसित करने का मिला रास्ता
हाइड्रोजन सल्फाइड के स्तर को बहाल करके शोधकर्ता अल्जाइमर रोग की ओर ले जाने वाली हानिकारक घटनाओं की श्रृंखला को रोकने में सक्षम हुए। अध्ययन के पहले लेखक डैनियल जियोविनाजो ने इस बात पर जोर दिया कि इस श्रृंखला प्रतिक्रिया को समझना ऐसी अंतःक्रियाओं को रोकने वाली चिकित्सा पद्धतियों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह शोध पेट से निकलने वाली गैस के बिना इस प्राकृतिक प्रक्रिया की नकल करने वाली दवाओं के विकास के लिए रास्ते खोलता है।
अल्जाइमर
इस कारण होता है अल्जाइमर
मानव शरीर कोशिका मेटाबॉलिज्म और रक्त वाहिकाओं के फैलाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने के लिए थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन सल्फाइड का उत्पादन करता है। उम्र बढ़ने के साथ इसका स्तर घट जाता है, जिससे मस्तिष्क में हानिकारक प्रोटीन अंतःक्रियाएं होने लगती हैं। ग्लाइकोजन सिंथेस बीटा नामक एंजाइम टाऊ प्रोटीन से अत्यधिक मात्रा में जुड़ जाता है। इससे ऐसे गुच्छे बन जाते हैं, जो न्यूरॉन्स के बीच संचार को अवरुद्ध कर देते हैं, जो अल्जाइमर का प्रमुख लक्षण है।