
भारत के आयकर पोर्टल में सुरक्षा खामी से करोड़ों करदाताओं का संवेदनशील डाटा हुआ उजागर
क्या है खबर?
आयकर विभाग के पोर्टल में हाल ही में एक बड़ी सुरक्षा खामी पाई गई थी, जिससे करोड़ों करदाताओं का डाटा खतरे में पड़ गया था। टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में सुरक्षा शोधकर्ताओं अक्षय सीएस और 'वायरल' ने यह बग खोजा था। इस खामी के कारण कोई भी व्यक्ति पोर्टल में लॉगिन कर दूसरे लोगों के व्यक्तिगत और वित्तीय डाटा तक पहुंच सकता था। उजागर डाटा में नाम, पता, बैंक विवरण और आधार नंबर जैसी जानकारी शामिल थी।
यूजर डाटा
करोड़ों यूजर्स का डाटा खतरे में पड़ा
टेकक्रंच ने बताया कि इस खामी से भारत के 13.5 करोड़ से अधिक पंजीकृत यूजर्स का डाटा प्रभावित हो सकता था। इनमें से करीब 7.6 करोड़ लोगों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में आयकर रिटर्न दाखिल किया है। यह खामी कितने समय से सक्रिय थी या किसी ने इसका गलत फायदा उठाया या नहीं, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। यह डाटा लीक हाल के वर्षों में सबसे गंभीर सरकारी डाटा खतरे में से एक माना जा रहा है।
प्रतिक्रिया
CERT-In और विभाग की प्रतिक्रिया सामने आई
सुरक्षा शोधकर्ताओं ने यह जानकारी तुरंत भारत की कंप्यूटर आपातकालीन तत्परता टीम (CERT-In) को दी थी। टीम ने बताया कि आयकर विभाग इस समस्या को ठीक करने में लगा है और 2 अक्टूबर को इसे ठीक कर दिया गया। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि खामी कब से मौजूद थी। वित्त मंत्रालय और आयकर विभाग ने इस पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की। टेकक्रंच ने सुरक्षा की पुष्टि के बाद ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक की।
सलाह
करदाताओं को क्या करना चाहिए अब?
विशेषज्ञों का कहना है कि करदाताओं को फिलहाल सतर्क रहना चाहिए। उन्हें अपने बैंक अकाउंट और ईमेल से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी करनी चाहिए। किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। अपने ई-फाइलिंग अकाउंट का पासवर्ड तुरंत बदलें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसे सुरक्षा बग से बचाव के लिए सिस्टम की जांच और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाएगा।