हमेशा के लिए बदल गया किलोग्राम, जानिये इससे जुड़ी खास बातें
क्या है खबर?
अब किलोग्राम की परिभाषा बदलने वाली है। जी हां, वैज्ञानिकों ने 129 साल पहले तय की गई किलोग्राम की परिभाषा बदलने का फैसला किया है।
पहले यह भार आधारित थी, अब इसे बदलकर इलेक्ट्रिक करंट के आधार पर तय किया जाएगा।
शुक्रवार को जनरल कॉन्फ्रेंस ऑन वेट्स एंड मेजर्स ने इस बदलाव को मंजूरी दे दी।
यह कदम ऐसे वक्त पर उठाया जा रहा है जब कई क्षेत्रों में सटीक माप की जरूरत महसूस की जा रही है।
इतिहास
1889 में तय हुई थी किलोग्राम की परिभाषा
किलोग्राम की मौजूदा परिभाषा को 1889 में तय किया गया था। यह 90 प्रतिशत प्लेटिनम और 10 प्रतिशत इरीडियम की एक सिल है, जिसेे 'ली ग्रांड के' कहा जाता है।
यह सिल पेरिस के इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट्स एंड मेजर्स के पास 1889 से बंद है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भार की इकाई के रूप में इस्तेमाल में लेने के लिए इसके जैसी कई सिल को दुनियाभर में वितरित किया गया था।
बदलाव
सामान्य जीवन पर कोई असर नहीं
फिजिकल ऑब्जेक्ट होने की वजह से इसकी स्थिति में कई बदलाव आते हैं। इसलिए सालों से इसकी मात्रा में कई बदलाव हुए हैं।
इस वजह से वैज्ञानिकों ने अब इसकी परिभाषा को बदलने का फैसला किया है। हालांकि, इस बदलाव के बाद भार में 50 माइक्रोग्राम से भी कम का अंतर आएगा।
इससे लोगों के दैनिक जीवन पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ेगा, लेकिन नैनो टेक्नोलॉजी, मेडिकल और प्रिसिशन इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में इसका बहुत महत्व है।
नई परिभाषा
विद्युत-चुबंकीय ऊर्जा के आधार पर होगी नई परिभाषा
पहले से ज्यादा सटीक परिभाषा के लिए वैज्ञानिक अब इलेक्ट्रिक पैमाना तय करेंगे। इसके लिए विद्युत-चुंबक का सहारा लिया जाएगा।
आने वाले समय में किलोग्राम को किब्बल या वाट बैलेंस का उपयोग करके मापा जाएगा। आपको बता दें कि यह एक ऐसा उपकरण है जो यांत्रिक और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का उपयोग करके सटीक गणना करता है।
ऐसा होने के बाद किलोग्राम की परिभाषा न बदली जा सकेगी और न ही इसे कोई नुकसान पहुंचाया जा सकेगा।
लागू
20 मई 2019 से लागू होगी नई परिभाषा
फ़्रांस के वर्साइल्स में शुक्रवार को 'वेट एंड मेज़र्स' पर एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इसमें 50 से ज्यादा देशों के वैज्ञानिक शामिल हुए थे। इन वैज्ञानिकों ने किलोग्राम की परिभाषा बदलने के लिए वोट किया था।
बहुत से वैज्ञानिक चाहते थे कि किलोग्राम को यांत्रिक और विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा से मापा जाए। अब इस फैसले पर मुहर लग चुकी है।
माना जा रहा है कि 20 मई 2019 से किलोग्राम की नई परिभाषा लागू हो जाएगी।