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वैज्ञानिकों ने बनाई खास किडनी, किसी भी ब्लड ग्रुप के साथ किया जा सकेगा प्रत्यारोपित
वैज्ञानिकों ने बनाई खास किडनी (तस्वीर: अनप्लैश)

वैज्ञानिकों ने बनाई खास किडनी, किसी भी ब्लड ग्रुप के साथ किया जा सकेगा प्रत्यारोपित

Oct 17, 2025
06:41 pm

क्या है खबर?

अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में वैज्ञानिक लगातार नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए कनाडा और चीन के वैज्ञानिकों ने यूनिवर्सल किडनी विकसित की है, जिसे किसी भी ब्लड ग्रुप के साथ प्रत्यारोपित किया जा सकता है। परीक्षण अंग एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के शरीर में जीवित रहा और सही ढंग से काम करता रहा। इस उपलब्धि ने अंग प्रत्यारोपण में मरीजों के लिए नई संभावनाओं और बेहतर विकल्पों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

तकनीक

किडनी के प्रकार में बदलाव और तकनीक

शोधकर्ताओं ने टाइप A किडनी को टाइप O में बदलने के लिए एंजाइम का उपयोग किया। इस प्रक्रिया में किडनी के एंटीजन हटाए गए, जो विभिन्न रक्त समूहों के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करते हैं। हालांकि, तीसरे दिन एंटीजन फिर से प्रकट हुआ और हल्की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हुई, लेकिन अंग अभी भी काम कर रहा था। इस तकनीक से अंग को कुछ समय तक सुरक्षित रखना संभव हुआ और शरीर ने अंग को अपनाने की कोशिश की।

लाभ

परीक्षण से मिली संभावनाएं और लाभ

परीक्षण में यूनिवर्सल किडनी ने सफल प्रदर्शन किया और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया सीमित रही। अगर यह तकनीक मानवों में भी सफल होती है, तो दाताओं की कमी और प्रतीक्षा समय कम हो सकता है। विभिन्न रक्त समूहों वाले मरीजों के लिए अंग की उपलब्धता बढ़ सकती है। इस प्रक्रिया से अंग प्रत्यारोपण अधिक सुरक्षित, समान और आसान बन सकता है, जिससे कई मरीजों को जीवन रक्षक लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

चुनौतियां

अभी भी कई चुनौतियां बाकी

मानव परीक्षण शुरू होने से पहले कई चुनौतियां हैं। एंटीजन को लंबे समय तक स्थिर रखना जरूरी है और इम्यून सिस्टम के अन्य अंग भी अंग पर हमला कर सकते हैं। एंजाइम के संभावित दुष्प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं हैं। अगर यह तकनीक पूरी तरह से स्थिर और सुरक्षित साबित होती है, तो अंग प्रत्यारोपण में असमानता कम हो सकती है और अधिक मरीजों को बेहतर जीवन मिलने की संभावना बढ़ सकती है।