प्रधानमंत्री मोदी कल निजी तौर पर बने देश के पहले रॉकेट का करेंगे अनावरण
क्या है खबर?
अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। कल (26 नवंबर) सुबह 11:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले निजी ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I का वर्चुअली अनावरण करेंगे। यह रॉकेट स्पेसटेक स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है। प्रधानमंत्री स्काईरूट की नई फैसिलिटी इनफिनिटी कैंपस का भी उद्घाटन करेंगे, जिसे 2 लाख वर्ग फीट में तैयार किया गया है और जहां हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बनाया जा सकेगा।
खासियत
विक्रम-I रॉकेट की प्रमुख खासियतें
विक्रम-I एक मॉड्यूलर ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है, जो छोटे सैटेलाइट को आसानी से अंतरिक्ष में भेजने के लिए डिजाइन किया गया है। मॉड्यूलर तकनीक इसकी सबसे बड़ी ताकत है, जिससे मिशन और पेलोड की जरूरत के अनुसार इसके हिस्सों को बदला जा सकता है। स्काईरूट 2022 में विक्रम-S को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुकी है और अब विक्रम-I के जरिए वह दक्षिण एशिया की पहली प्राइवेट कंपनी बन सकती है जो सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेजेगी।
सफलता
स्काईरूट एयरोस्पेस और उसकी सफलता
स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना 2018 में पवन कुमार चंदना और नागा भरत डाका ने की थी। कंपनी अब तक लगभग 850 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटा चुकी है। इसके निवेशकों में वर्ल्डक्वांट वेंचर्स, ग्राफ वेंचर्स और मेराकी लैब्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। 2022 में कंपनी ने GIC के नेतृत्व वाले सीरीज-B राउंड में लगभग 450 करोड़ रुपये जुटाए थे। स्काईरूट ने हाल ही में ऑक्सिओम स्पेस के साथ लो-अर्थ ऑर्बिट मिशनों पर काम करने के लिए समझौता किया है।
स्पेसटेक सेक्टर
भारत का तेजी से बढ़ रहा स्पेसटेक सेक्टर
देश में स्पेसटेक इकोसिस्टम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी नीतियों के खुलने, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ने और स्टार्टअप्स को समर्थन मिलने से सैकड़ों कंपनियां काम कर रही हैं। पिछले हफ्ते SIDBI ने 1,005 करोड़ रुपये के अंतरिक्ष-फोकस्ड फंड के पहले क्लोज की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 5 सालों में 5 यूनिकॉर्न बनाने और हर साल 50 रॉकेट लॉन्च का लक्ष्य रखा है। भारत की स्पेसटेक अर्थव्यवस्था 2030 तक लगभग 6,900 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।