एनवीडिया बनाएगी डोनाल्ड ट्रंप के लिए अमेरिका का सबसे बड़ा AI सुपरकंप्यूटर, क्या होगी खासियत?
क्या है खबर?
एनवीडिया और ओरेकल अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DOE) के साथ मिलकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की पहल पर सोल्स्टिस नाम का दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर बना रहे हैं। यह मशीन देश की ऊर्जा, राष्ट्रीय सुरक्षा और विज्ञान से जुड़ी खोजों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इसके साथ ही इक्विनॉक्स नामक छोटा सुपरकंप्यूटर भी तैयार किया जा रहा है, जो 2026 की पहली छमाही में काम करना शुरू करेगा और वैज्ञानिक अनुसंधान को नई गति देगा।
खासियत
सोल्स्टिस और इक्विनॉक्स की ताकत
सोल्स्टिस सुपरकंप्यूटर में 1 लाख एनवीडिया ब्लैकवेल GPU होंगे, जबकि इक्विनॉक्स में 10,000 GPU लगाए जाएंगे। ये दोनों मिलकर 2,200 एक्साफ्लॉप की बड़ी AI क्षमता देंगे। ये मशीनें अमेरिका के इलिनोइस में आर्गन नेशनल लैब में लगाई जा रही हैं। वहां वैज्ञानिक इनका इस्तेमाल रिसर्च, डाटा विश्लेषण और नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम बनाने में करेंगे, जिससे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में तेजी से प्रगति और नए आविष्कार होंगे।
अनुसंधान
वैज्ञानिक अनुसंधान को नई दिशा
इन AI सुपरकंप्यूटरों का काम सिर्फ आंकड़े गिनना नहीं है, बल्कि समस्याओं को समझकर उनके हल ढूंढने में मदद करना है। एनवीडिया के सॉफ्टवेयर की मदद से ये कंप्यूटर ऐसे AI मॉडल बनाएंगे जो जलवायु, ऊर्जा और सेहत जैसे क्षेत्रों में शोध को तेज करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले सालों में ये मशीनें रिसर्च की गति को कई गुना बढ़ा देंगी और नई खोजों के मौके बढ़ेंगे।
निवेश
सरकार और कंपनियों का संयुक्त निवेश
सोल्स्टिस प्रोजेक्ट सरकार और निजी कंपनियों की साझेदारी का उदाहरण है, जिसमें दोनों ने मिलकर पैसा लगाया है। अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने कहा कि यह प्रोजेक्ट AI के क्षेत्र में अमेरिका को आगे बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी कदम है। उन्होंने बताया कि एनवीडिया और ओरेकल जैसी बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर देश के वैज्ञानिकों और उद्योगों को एक साथ काम करने का मौका देना इसका मुख्य मकसद है।