2021 में भारतीय कंपनियों पर मोबाइल साइबर अटैक्स कई गुना बढ़े- रिपोर्ट
भारतीय कंपनियों पर होने वाले मोबाइल साइबर अटैक्स में आई तेजी ने 2021 में सभी को चौंकाया है। कर्मचारियों के स्मार्टफोन्स पर होने वाले अटैक्स अक्टूबर 2020 के बाद तेजी से बढ़े हैं और इसकी एक वजह कोराना वायरस के चलते पैदा हुई स्थिति को माना जा रहा है। पहले से ज्यादा लोग अब 'वर्क फ्रॉम होम' कर रहे हैं, जिसके चलते मोबाइल मालवेयर अटैक्स में 845 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है।
दर्ज की गई आठ गुना से ज्यादा की बढ़त
साइबर सिक्योरिटी फर्म चेक पॉइंट की लेटेस्ट रिपोर्ट में सामने आया है कि भारतीय संगठनों पर होने वाले मोबाइल अटैक्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च, 2020 में भारतीय कंपनियों पर मोबाइल अटैक्स के 1,345 मामले सामने आए थे। वहीं, इसके मुकाबले मार्च, 2021 में ऐसे अटैक्स के 12,719 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। यानी कि भारतीय कर्मचारियों पर मोबाइल अटैक्स के मामले आठ गुना से ज्यादा बढ़ गए हैं।
पहले से बड़े अटैक कर रहे हैं हैकर्स
पिछले साल रिसर्चर्स ने एक बड़े अटैक की जानकारी दी थी, जिसके लिए हैकर ने बड़े इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट (MDM) सिस्टम की मदद ली थी। इस सिस्टम ने दर्जनों डिवाइसेज को शिकार बनाया था। रिपोर्ट में सामने आया है कि सर्वे में शामिल किए गए करीब 97 प्रतिशत भारतीय ऑगनाइजेशंस को कंपनी के साइबरइंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वहीं, करीब 46 प्रतिशत कंपनियों के कर्मचारियों ने अपने फोन में मालिशियस ऐप इंस्टॉल की थी।
इसलिए तेजी से बढ़े हैं मामले
चेक पॉइंट सॉफ्टवेयर में थ्रेट प्रिवेंशन VP नीटसन जीव ने कहा, "जैसा कि हमने 2020 में देखा, मोबाइल से जुड़े अटैक्स और खतरे बढ़े हैं और लगभग हर ऑर्गनाइजेशन से ऐसे अटैक्स का सामना किया है।" रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे अटैक्स का मकसद कंपनी के इंटरनल नेटवर्क को नुकसान पहुंचाना, डाटा चोरी और ब्लैकमेलिंग तक होता है। अटैकर्स कई जरूरी फाइल्स और सिस्टम्स को एनक्रिप्ट कर सकते हैं और बदले में बड़ी रकम की मांग करते हैं।
मोबाइल डिवाइसेज पर अटैक बढ़ेंगे
माना जा रहा है कि साल 2024 तक करीब 60 प्रतिशत वर्कफोर्स मोबाइल डिवाइसेज का इस्तेमाल करेगी इसलिए मोबाइल सिक्योरिटी से जुड़ी जरूरतें कंपनियों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल हर कंपनी ने कम से कम एक मोबाइल मालवेयर अटैक का सामना किया। करीब 93 प्रतिशत अटैक्स डिवाइस नेटवर्क से जुड़े रहे, जिनमें कर्मचारियों को इनफेक्टेड वेबसाइट्स या urls से मालवेयर इंस्टॉल करने या उनकी पर्सनल जानकारी डाउनलोड करने के लिए शुरू किया गया।