ऐपल को बेचना चाहती थी माइक्रोसॉफ्ट अपना बिंग सर्च इंजन, गूगल की फाइलिंग में हुआ खुलासा
माइक्रोसॉफ्ट अपने बिंग सर्च इंजन को एक बार ऐपल को बेचने का प्रयास कर रही थी, जिसके बारे में पिछले साल सितंबर में ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया था। इस हफ्ते एक नई अदालती फाइलिंग से पता चला है कि ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट के बीच बिंग सर्च इंजन के अधिग्रहण को लेकर 2018 में बातचीत हुई थी। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, ये दस्तावेज अमेरिकी न्याय विभाग में गूगल के खिलाफ एक मुकदमे में सामने आए हैं।
गूगल पर क्या है आरोप?
इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गूगल का वेब सर्च उद्योग में एकाधिकार है। सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में गूगल ने तर्क दिया है कि माइक्रोसॉफ्ट और ऐपल के बीच बिंग के अधिग्रहण की बातचीत और अन्य संबंध इस बात का सबूत है कि उसके पास सर्च उद्योग में वास्तव में प्रतिस्पर्धा है। फाइलिंग में गूगल ने लिखा है कि माइक्रोसॉफ्ट ने बिंग की खोज गुणवत्ता में सुधार के लिए भी 2018 में ऐपल से संपर्क किया था।
फाइलिंग में इन बातों का भी हुआ खुलासा
गूगल की फाइलिंग के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने कम से कम 7 अलग-अलग मौकों पर ऐपल को सफारी वेब ब्राउजर में बिंग को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने के लिए प्रेरित किया। ये प्रयास 2009, 2013, 2015, 2016, 2018 और 2020 में किये गये, लेकिन सर्च गुणवत्ता के कारण ऐपल ने इस अवसर को हर बार जाने दिया। गूगल ने कहा है कि इन सभी मौकों पर माइक्रोसॉफ्ट का प्रयास ऐपल को बिंग बेचना या उसमें हिस्सेदारी देने का प्रयास था।