
माइक्रोसॉफ्ट चीनी हैकर्स की जांच में जुटा, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट अपनी शेयरपाॅइंट सर्विस की खामियों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या साइबर सुरक्षा फर्मों के लिए उसके प्रारंभिक अलर्ट सिस्टम से लीक होने के कारण चीनी हैकर्स उसकी शेयरपाॅइंट सर्विस में खामियों का फायदा उठा पाए हैं, इससे पहले ठीक किया जाता। इस महीने कंपनी ने सुरक्षा पैच जारी किया, लेकिन शेयरपॉइंट में समस्या पूरी तरह से ठीक नहीं हुई, जिससे साइबर जासूसी प्रयास का द्वार खुल गया।
चीनी हैकर
3 चीनी समूहों ने उठाया कमजोरियों का फायदा
एक ब्लॉग पोस्ट में माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि 2 चीनी हैकिंग समूह लिनेन टाइफून और वायलेट टाइफून इन कमजोरियों का फायदा उठा रहे थे। चीन का एक तीसरा समूह भी इसमें शामिल है। जांच माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव प्रोटेक्शन प्रोग्राम (MAPP) पर केंद्रित है। इससे यह भी पता लगाना है कि क्या इसने पिछले कुछ दिनों में सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का कितना फायदा उठाया गया। इस खामी का सबसे पहले वियतनामी साइबर सुरक्षा फर्म वियतटेल ने खुलासा किया था।
सुरक्षा खामियां
7 जुलाई को सामने आई थी खामियां
ब्लूमबर्ग न्यूज के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने पहली बार 7 जुलाई को साइबर सुरक्षा खामियों के प्रयासों का पता लगाया। ट्रेंड माइक्रो के जीरो डे इनिशिएटिव के लिए खतरा जागरूकता प्रमुख डस्टिन चाइल्ड्स ने सुझाव दिया कि "सबसे संभावित परिदृश्य यह है कि MAPP प्रोग्राम में किसी ने उस जानकारी का उपयोग फायदा उठाने के लिए किया हो।" उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सा विक्रेता जिम्मेदार था, लेकिन हैकिंग के प्रयास चीन से हुए हैं।