माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट 15 जनवरी से व्हाट्सऐप पर हो जाएगा बंद, जानिए क्या है वजह
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट कोपायलट 15 जनवरी के बाद व्हाट्सऐप पर उपलब्ध नहीं होगा। यह कदम मेटा के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की संशोधित व्यावसायिक API नीतियों के अनुरूप बताया जा रहा है। इसमें AI चैटबॉट प्रदाताओं और डेवलपर्स को व्हाट्सऐप बिजनेस सॉल्यूशन तक पहुंचने या उसका उपयोग करने से रोका गया है। इस तरह का फैसला लेने वाली माइक्रोसॉफ्ट दूसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले अक्टूबर में OpenAI ने भी अपना चैटबाॅट हटा दिया था।
असर
यूजर्स पर क्या पड़ेगा असर?
15 जनवरी से ही व्हाट्सऐप की नीति में बदलाव लागू होंगे और इसी तारीख से व्हाट्सऐप पर यूजर AI के साथ तब तक चैट नहीं कर पाएंगे। उन्हें इसके उपयोग के लिए माइक्रोसॉफ्ट के अपने कोपायलट मोबाइल ऐप या वेब पर जाना होगा। तकनीकी दिग्गज ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह यूजर्स के लिए एक सुचारू संक्रमण प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे वे मोबाइल, वेब और पीसी पर कोपायलट एक्सेस बनाए रख सकें।
बैकअप
पुरानी चैट का रख सकते हैं बैकअप
माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि व्हाट्सऐप पर कोपायलट के साथ चैट अन्य कोपायलट प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाई जाएगी, क्योंकि वे अप्रमाणित हैं। ऐसे यूजर, जो चैट सुरक्षित रखना चाहते हैं, वे चैटबॉट के बंद होने से पहले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के एक्सपोर्ट टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। कोपायलट वेब पर, copilot.microsoft.com पर, iOS और एंड्रॉयड डिवाइस के लिए मोबाइल ऐप में उपलब्ध रहेगा। कंपनी के अनुसार, कोपायलट ऐप और वेबसाइट, व्हाट्सएप पर उपलब्ध मुख्य सुविधाएं प्रदान करते हैं।
कारण
इस नीति के कारण उठाया कदम
व्हाट्सऐप की नई नीतियों के अनुसार, AI या मशीन लर्निंग तकनीकों के प्रदाताओं और डेवलपर्स को व्हाट्सऐप बिजनेस सॉल्यूशन तक पहुंचने या उसका उपयोग करने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित किया गया है। यह ऐसी तकनीकों को प्रदान करने, वितरित करने, प्रस्तुत करने, बेचने या अन्यथा उपलब्ध कराने के उद्देश्यों पर लागू होता है। प्रतिबंध तब लागू होगा, जब ऐसी तकनीकें उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जा रही प्राथमिक (आकस्मिक या सहायक के बजाय) कार्यक्षमता हों।