वैश्विक मानवाधिकार मानदंडों का उल्लंघन करते हैं भारत के नए IT रूल्स- UN एक्सपर्ट्स
क्या है खबर?
यूनाइटेड नेशंस के एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत के नए IT रूल्स 'मानवाधिकार के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों से मेल नहीं खाते' हैं।
UN की ओर से इस बात की जानकारी देते हुए तीन विशेष दूत 11 जून को भारत सरकार के पास भेजे थे, जिन्होंने IT रूल्स, 2021 को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रभाव में आए IT रूल्स, 2021 में कुछ हिस्से मानव अधिकार से जुड़े मानकों का उल्लंघन करते हैं।
वेबसाइट
UN की वेबसाइट पर दी गई जानकारी
भारत सरकार और UN के विशेष दूतों के बीच हुई बातचीत की जानकारी UN की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है।
राइट्स टू फ्रीडम ऑफ पीसफुल असेंबली एंड एसोसिएशन के विशेष दूत क्लेमेंट न्यालेत्सोसी वूल और राइट टू प्राइवेसी के विशेष दूत इरेन खान ने यह जानकारी दी है।
इस पूरी बातचीत में कहा गया है कि भारत के नई नियम 'नैतिक रूप से आपत्तिजनक', 'बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाले' और 'भारत की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले' हैं।
उल्लंघन
अंतरराष्ट्रीय मानदंडो का उल्लंघन करते हैं IT रूल्स
UN की ओर से कहा गया है कि भारत के नए IT रूल्स इंटरनेशनल कॉवनेंट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स (ICCPR) का उल्लंघन करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधि का आधार है।
संगठन के मुताबिक, "ICCPR के आर्टिकल 19 (3) के मुताबिक राइट टू फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन पर किसी तरह की रोक 'कानून की ओर से बेहद जरूरी होने पर' और 'दूसरों के अधिकारों का सम्मान करते हुए' ही लगानी चाहिए।"
चिंता
यूजर्स का कंटेंट हटाए जाने पर चिंता जताई
विशेष दूतों ने लिखा, "हम इस बात पर चिंता जताते हैं कि कंपनियों से यूजर-जेनरेटेड कंटेंट मॉनीटर करने और उसे जल्द हटाने के लिए कहा गया है। हमें डर है कि यह राइट टू फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए खतरा बन सकता है।"
संगठन का कहना है, "इस बात की चिंता है कि कंपनियां टेकडाउन रिक्वेस्ट्स पर ऐक्शन लेने की वजह से अपनी जवाबदेही कम कर सकती हैं और कंटेंट रिस्ट्रिक्ट करने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स इस्तेमाल कर सकती हैं।"
एनक्रिप्शन
एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन को दिया समर्थन
कम्युनिकेशन में एनक्रिप्शन के लिए समर्थन भी जताया गया है।
व्हाट्सऐप और भारत सरकार के बीच एनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी को लेकर पहले भी दिक्कत सामने आ चुकी है क्योंकि एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की वजह से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं की जा सकती।
पिछले महीने व्हाट्सऐप एनक्रिप्शन के मुद्दे को लेकर भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट भी गया था।
दरअसल, नए IT रूल्स में जरूरत पड़ने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की मांग की गई है।
जवाब
भारत सरकार ने दिया यह जवाब
भारत सरकार ने जवाब में कहा कि नए IT रूल्स भारतीय यूजर्स को 'सोशल मीडिया पर इंपावर करने के लिए' तैयार किए गए हैं।
सरकार ने बताया कि नए नियम साल 2018 से ही स्टेकहोल्डर्स और सिविल सोसाइटी के साथ चर्चा करने के बाद लाए गए हैं।
IT रूल्स, 2021 की जरूरत समझाते हुए सरकार ने कहा कि 'मेसेज के फर्स्ट ओरिजनेटर' का पता लगाने के लिए 'केवल सीमित जानकारी' जुटाई जाती है।