भारत में बने आईफोन की शिपमेंट में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी, ऐपल के फैसले से फायदा
क्या है खबर?
भारत में बनने वाले ऐपल के आईफोन की संख्या में पिछले साल शानदार वृद्धि देखने को मिली है। दरअसल, ऐपल अपने आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को लगातार कम करने के प्रयास में लगी है।
ऐपल के इस फैसले से भारत, वियतनाम जैसे अन्य देशों को फायदा हो रहा है।
2022 में भारत में निर्मित आईफोन की शिपमेंट में साल-दर-साल आधार पर 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ऐपल
कुल आईफोन का 85 प्रतिशत हिस्सा चीन में बनता है
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट का हवाला देते हुए बताया कि पिछले साल भारत में कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 25 प्रतिशत हिस्सा ऐपल का रहा। ये वर्ष 2021 के मुकाबले 12 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में बिकने वाले कुल आईफोन का 85 प्रतिशत हिस्सा अकेले चीन में बनता है।
हालांकि, अब ऐपल के शिफ्ट होने के प्लान से आईफोन मैन्युफैक्चरिंग मामले में चीन का प्रभुत्व कम होने का खतरा है।
आईफोन
चीन पर निर्भरता कम करने में लगी है ऐपल
रिपोर्ट के अनुसार, चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव और चीनी सरकार के कड़े कोरोना प्रतिबंधों के कारण ऐपल को भारी घाटा हुआ। यही वजह है कि ऐपल उन ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल हो गई जो मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करने में लगे हुए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐपल की सप्लायर फॉक्सकॉन भारत में नई फैक्ट्री के लिए करीब 57 अरब रुपये निवेश करने की तैयारी में है।
भारत
भारत सरकार भी चलाती है स्मार्टफोन निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए स्कीम
भारत सरकार ने भी वैश्विक स्मार्टफोन निर्माताओं को देश में उत्पादन करने के लिए आकर्षित करने के लिए 2020 में लगभग 4 खरब रुपये की प्रोत्साहन योजना शुरू की है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने जनवरी में ताइवान के डिजिटाइम्स रिसर्च के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए बताया कि भारत में 2027 तक ऐपल के 50 प्रतिशत आईफोन भारत में बनेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, ऐपल आने वाले समय में भारत में चीन के बराबर आईफोन का उत्पादन करने लगेगी।
फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन को चीन में हुई थी मुश्किल
आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने चीन के झेंग्झौ में अपने फैक्ट्री में उत्पादन को बहाल करने के लिए मुश्किलों का सामना किया और विरोध झेला।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 5 मार्च को फॉक्सकॉन ने कर्नाटक में एक बड़े निवेश की घोषणा की जो एक लाख से अधिक नौकरियां पैदा करेगा।
इसके लिए 300 एकड़ भूमि की पहचान की गई है। इस दौरान फॉक्सकॉन के प्रेसिडेंट यंग लियू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।