कोरोना वायरस: रोबोट तैयार कर रही IIT गुवाहाटी, आइसोलेट मरीजों को खाना-दवाई देने का करेंगे काम
वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से जूझ रही है। भारत में भी इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और सरकार इसके संक्रमण को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है। सरकार के प्रयासों में तकनीक का दम भरने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) भी मेहनत करने में जुटी है। इसी बीच सामने आया है कि IIT गुवाहाटी कोरोना के कारण आइसोलेट किए गए मरीजों की मदद से लिए दो रोबोट तैयार कर रही है।
इस तरह से मदद करेंगे रोबोट
IIT गुवाहाटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभागों की टीमों ने बताया कि वह दो प्रकार के रोबोट पर काम कर रहे हैं। इन रोबोटों को कोरोना वायरस उपचार के लिए तैयार किए गए आइसोलेशन वार्ड में तैनात किया जा सकेगा। एक रोबोट मरीज को खाना व दवा खिलाने का काम करेगा और दूसरा रोबोट वार्डों से संक्रामक अपशिष्ट जैसे, सिरिंज, बोतल, इंजेक्शन आदि को एकत्रित कर सकेगा। इससे वार्डों में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा।
दो सप्ताह में तैयार हो जाएगा प्रोटोटाइप
दोनों विभागों की टीमों ने बताया कि रोबोट पर युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इसका प्रोटोटाइप आगामी दो सप्ताह में तैयार हो जाएगा। उसके बाद इंस्टीट्यूट के हॉस्पिटल और सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में एक टेस्ट रन आयोजित किया जाएगा। सेंटर ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी में कोरोना उपचार मे बरती जाने वाली सावधानियों के लिए डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद रोबोट आधारित स्क्रीनिंग इकाइयों पर काम किया जाएगा।
IIT गुवाहाटी के निदेशक ने दिया बड़ा बयान
IIT गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम ने कहा कि उनका इंस्टीट्यूट एक बेहतर अनुसंधान केंद्र और प्रयोगशाला स्थापित करने की प्रक्रिया में है। इससे पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को कोरोना और अन्य खतरनाक वायरस का पता लगाने और उपचार के लिए परीक्षण करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह इंस्टीट्यूट संक्रामक रोगों के उपचार के लिए सक्षम मैन पावर विकसित करने में मदद करेगा। इसके अलावा वायरस की रोकथाम में काम कर सकेगा।
IIT गुवाहाटी ने बनाई PCR मशीन
बता दें कि IIT गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (PCR) मशीन भी बनाई है। इसकी मदद से 12 घंटों में 1,000 सैंपल चेक किए जा सकते हैं। दो मशीनें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भेजी भी जा चुकी है। इसी तरह छात्रों ने ऑटोमेटेड स्प्रेयर के साथ एक ड्रोन तैयार किया है, जो ऊंची इमारतों, पार्क और सड़क आदि को सैनिटाइज कर सकता है। फैकल्टी मेंबर बायो टेक्नोलॉजी टूल से कोरोना की वैक्सीन भी तैयार कर रहे हैं।
अन्य IIT ने भी किया सहयोग
बता दें कि IIT मुंबई ने संक्रमितों को ट्रैक करने के लिए कोरोंटाइन नाम से एक मोबाइल ऐप बनाई है। IIT दिल्ली के छात्रों ने सस्ती टेस्टिंग किट तैयार की है। इसी तरह IIT दिल्ली और हैदराबाद ने हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है।