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ऑनलाइन गेमिंग के दौरान बच्चों की सुरक्षा कैसे करें सुनिश्चित?
किशोर ऑनलाइन गेमिंग को मनोरंजन का प्रमुख साधन मानते हैं (तस्वीर: पिक्साबे)

ऑनलाइन गेमिंग के दौरान बच्चों की सुरक्षा कैसे करें सुनिश्चित?

Aug 27, 2025
09:22 am

क्या है खबर?

आज के समय में बच्चे और किशोर ऑनलाइन गेमिंग को मनोरंजन का प्रमुख साधन मानते हैं। वर्चुअल दुनिया में दोस्तों से जुड़ना और नए अनुभव लेना उन्हें आकर्षित करता है, लेकिन इसके साथ कई खतरे भी जुड़े हैं। अनुचित कंटेंट, साइबरबुलिंग और अजनबियों से बातचीत जैसे जोखिम अक्सर सामने आते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को सुरक्षित माहौल दें और सही तरीके अपनाकर गेमिंग अनुभव को सकारात्मक बनाएं।

#1

खेल और समय पर नियंत्रण जरूरी

सुरक्षित गेमिंग के लिए सबसे पहला कदम नियम बनाना है। माता-पिता बच्चों के साथ चर्चा कर तय करें कि रोजाना या हफ्ते में कितना समय खेलना सही रहेगा। इसके अलावा, यह भी देखें कि बच्चे कौन-से गेम खेल रहे हैं और उनके कंटेंट उम्र के हिसाब से ठीक है या नहीं। गेमिंग शिष्टाचार भी जरूरी है, जिससे बच्चे ऑनलाइन बातचीत में सम्मानजनक बने रहें और समुदाय के नियमों का पालन करें।

#2

गेमप्ले और ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी

माता-पिता को बच्चों के गेमप्ले पर नजर रखना चाहिए। यह देखना जरूरी है कि वे किस तरह से खेल रहे हैं और किन लोगों से बातचीत कर रहे हैं। कभी-कभी उनके साथ खेलकर अनुभव साझा करना रिश्तों को मजबूत करता है। गेमिंग खत्म होने के बाद बच्चों से चर्चा करना भी उपयोगी है। इससे यह पता चलता है कि वे किस माहौल का हिस्सा बन रहे हैं और उन्हें कहीं कोई परेशानी तो नहीं हो रही।

#3

ऑनलाइन खतरों और गोपनीयता की शिक्षा

बच्चों को ऑनलाइन जोखिमों के बारे में समझाना आज के समय में बेहद जरूरी है। उन्हें बताया जाए कि साइबरबुलिंग कैसी होती है और ऐसी स्थिति में तुरंत माता-पिता को सूचित करें। व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता या फोन नंबर साझा न करने की आदत डालें। इसके साथ ही, प्रोफाइल और गेमिंग सेटिंग्स को निजी रखें। इससे अजनबियों से अनचाहा संपर्क रोका जा सकता है और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

#4

स्वस्थ आदतों और संवाद पर जोर 

सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों के गेमिंग समय में संतुलन बनाना भी जरूरी है। नियमित ब्रेक, शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना और अन्य शौक अपनाना उन्हें स्वस्थ रखता है। माता-पिता बच्चों से खुलकर बातचीत करें, ताकि वे अपने अनुभव साझा कर सकें। यह माहौल बच्चों को भरोसा देता है और समस्याओं का समाधान आसान बनाता है। इस तरह सही दिशा और सावधानियों के साथ गेमिंग बच्चों के लिए सुरक्षित और आनंददायक बन सकती है।