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अंतरिक्ष यात्री किस तरह दिन और रात का लगाते हैं पता?
ISS पर रहता है 45 मिनट उजाला (तस्वीर: पिक्साबे)

अंतरिक्ष यात्री किस तरह दिन और रात का लगाते हैं पता?

Jul 15, 2024
12:14 pm

क्या है खबर?

पृथ्वी पर हम आसानी से दिन और रात का पता लगा लेते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर यह पता लगाना पृथ्वी के हिसाब से काफी कठिन काम है। ISS पर अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के एक दिन के दौरान 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त का अनुभव करते हैं। ISS 400 किलोमीटर की औसत ऊंचाई पर एक अण्डाकार प्रक्षेप पथ में 27,600 किलोमीटर/घंटा की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है और लगभग 90 मिनट में एक चक्कर लगाता है।

उजाला

ISS पर रहता है 45 मिनट उजाला 

ISS अंतरिक्ष में 24 घंटे में पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है और इसलिए पृथ्वी वासियों के मुकाबले ISS पर सवार अंतरिक्ष यात्री 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं। अपनी परिक्रमा के दौरान अंतरिक्ष यान लगभग आधा समय सूर्य की रोशनी में और बाकी समय पृथ्वी की छाया में बिताता है। इस प्रकार ISS प्रत्येक चक्कर में लगभग 45 मिनट दिन के उजाले और 45 मिनट अंधेरे का अनुभव करता है।

तरीका

कैसे माना जाता है दिन और रात?

समय को दिन और रात में बांटने के लिए ISS को यूनिवर्सल कोऑर्डिनेटेड टाइम (UTC) पर सेट किया गया है। ISS पर अंतरिक्ष यात्री का एक सामान्य कार्यदिवस सुबह 06:00 बजे UTC से शुरू होता है और रात 09:30 बजे UTC पर समाप्त होता है। रात और दिन का माहौल बनाने के लिए ISS पर लगे LED बल्ब के प्रकाश के रंग और उसकी तीव्रता को कम और ज्यादा किया जाता है।