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चीन ने कैसे 9 दिन में अपने अंतरिक्ष यात्री को बचाया? नासा को लगे थे महीनों
चीन ने 9 दिन में अपने अंतरिक्ष यात्री को बचाया (तस्वीर: नासा)

चीन ने कैसे 9 दिन में अपने अंतरिक्ष यात्री को बचाया? नासा को लगे थे महीनों

Nov 25, 2025
03:42 pm

क्या है खबर?

अंतरिक्ष की दुनिया में छोटी सी देरी भी बड़ी परेशानी बन सकती है। ऐसा नासा और चीन के हाल ही के मिशनों में देखा गया। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी के साथ खराब अंतरिक्ष यान के कारण 9 महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में फंसी रहीं थीं। चीन के 3 अंतरिक्ष यात्री भी फंस गए थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 9 दिनों में वापस धरती पर लाया गया।

समस्या

चीन के अंतरिक्ष यात्री कैसे अंतरिक्ष में फंस गए?

चीन का शेनझोउ-20 अंतरिक्ष यान अप्रैल, 2025 में लॉन्च हुआ था और अंतरिक्ष यात्रियों को 6 महीने बाद वापस आना था। लौटने से पहले उनके अंतरिक्ष यान को माइक्रोमीटियोरॉइड के मलबे से नुकसान पहुंचा, जिससे वह वापसी के लायक नहीं बचा। तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर रोकना पड़ा और उनका मिशन 204 दिनों तक बढ़ गया। उनके पास वापसी का सुरक्षित तरीका नहीं था, इसलिए तुरंत रेस्क्यू की जरूरत थी।

 रेस्क्यू 

चीन ने 9 दिनों में कैसे तेजी से रेस्क्यू किया?

चीन ने अविश्वसनीय तेजी दिखाते हुए सिर्फ कुछ ही दिनों में नया शेनझोउ-22 अंतरिक्ष यान लॉन्च कर दिया। इससे पहले चीन ने शेनझोउ-21 यान भेजकर पुराने यात्रियों को घर पहुंचाया और रेस्क्यू मिशन के लिए रास्ता साफ किया। चीन को किसी दूसरे देश की अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ा, न ही कई एजेंसियों से मंजूरी लेनी पड़ी। इसी तेज फैसले और सरल प्रक्रिया की वजह से चीन ने यात्रियों को 9 दिन के भीतर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।

वजह

नासा इतना धीमा क्यों दिखा और चीन तेज क्यों? 

नासा का स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान लॉन्च के बाद खराब हो गया, जिस वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत नहीं निकाला जा सका। ISS कई देशों का साझा स्टेशन है, इसलिए किसी भी कार्रवाई के लिए सभी देशों के साथ बातचीत जरूरी होता है। वहीं चीन का तियांगोंग स्टेशन पूरी तरह उनके नियंत्रण में है, इसलिए फैसले जल्दी लिए जाते हैं। नासा की बोइंग जैसी कंपनियों पर निर्भरता, तकनीकी गड़बड़ियों और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के कारण रेस्क्यू में महीनों लग गए थे।