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AI में इंसानों से कम है मजाक की समझ, नए रिसर्च में हुआ खुलासा
इंसानों से कम है AI में मजाक की समझ

AI में इंसानों से कम है मजाक की समझ, नए रिसर्च में हुआ खुलासा

Nov 25, 2025
02:25 pm

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब कई काम इंसानों की तरह या उससे बेहतर कर रहा है, लेकिन अभी भी कुछ चीजें हैं जिन्हें AI ठीक से नहीं समझ पाता। खासकर, शब्दों के खेल को समझने में यह काफी कमजोर साबित हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मजाक या ह्यूमर को समझना AI के लिए अभी भी एक बड़ी चुनौती है, जबकि इंसानों के लिए यह चीजें बिल्कुल सामान्य होती हैं और आसानी से समझ में आ जाती हैं।

रिसर्च 

रिसर्च कैसे की गई?

कार्डिफ यूनिवर्सिटी और इटली की का' फोस्कारी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने के लिए 7 अलग-अलग AI मॉडल्स को टेस्ट किया कि वे मजाक वाली पंक्तियों को कैसे समझते हैं। उन्हें व्यंग वाले वाक्य दिए गए, ताकि देखा जा सके कि मॉडल्स सही अर्थ समझते हैं या नहीं। इस स्टडी का नाम 'पन अनइंटेंडेड: LLMs एंड द इल्यूजन ऑफ ह्यूमर अंडरस्टैंडिंग' था, जिसे खास इसी विषय पर तैयार किया गया था।

नतीजा

क्या निकला नतीजा? 

टेस्ट में पाया गया कि AI मॉडल्स पन्स को समझने के बजाय केवल वाक्यों के पैटर्न को पहचानते हैं। जब शोधकर्ताओं ने पंचलाइन बदल दी, तब भी AI उसे पन मानता रहा, जबकि उसमें कोई मजाक था ही नहीं। यह दिखाता है कि AI असली ह्यूमर नहीं समझता, बल्कि पुराने पैटर्न याद कर लेता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह समझ सिर्फ दिखावे की है और हकीकत में AI असली मजाक के इरादे को जान ही नहीं पाता।

चुनौतियां

आगे का निष्कर्ष और चुनौतियां

रिसर्च टीम का कहना है कि इस कमी के कारण AI अभी उन जगहों के लिए भरोसेमंद नहीं है जहां बारीक समझ, भावनाएं या कल्चरल कॉन्टेक्स्ट की भी जरूरत होती है। कंपनियां भले ही AGI बनाने की कोशिश कर रही हों, लेकिन फिलहाल AI जोक्स और पन्स को इंसानों जैसा नहीं समझ सकता। ऐसे अगर आपको सही मजेदार जोक्स चाहिए, तो अभी इंसान पर ही ज्यादा भरोसा करना बेहतर है।