
साइबर हमले के लिए हैकर्स ने किया ChatGPT का इस्तेमाल, शोध में खुलासा
क्या है खबर?
साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उत्तर कोरियाई के हैकिंग समूह ने दक्षिण कोरिया में साइबर हमला करने के लिए सैन्य पहचान दस्तावेज का डीपफेक बनाने के लिए ChatGPT का उपयोग किया। दक्षिण कोरियाई साइबर सुरक्षा फर्म जेनियंस के शोध के अनुसार, हमलावरों ने फिशिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल का इस्तेमाल किया। इसकी मदद से एक दक्षिण कोरियाई सैन्य पहचान पत्र का नकली प्रारूप तैयार किया, ताकि एक वास्तविक जैसी दिखने वाली इमेज बनाई जा सके।
उद्देश्य
इसलिए बनाई नकली सैन्य ID
जेनियंस के अनुसार, सैन्य पहचान दस्तावेज का डीपफेक बनाने के पीछे उद्देश्य फिशिंग प्रयास को अधिक विश्वसनीय बनाना था। वास्तविक इमेज शामिल करने के बजाय ईमेल एक मैलवेयर से जुड़ा था, जो प्राप्तकर्ताओं के टूल से डाटा चोरी करने में सक्षम था। इस साइबर हमले के लिए जिम्मेदार समूह को शोधकर्ताओं ने किमसुकी नाम दिया है। यह एक संदिग्ध उत्तर कोरिया-प्रायोजित साइबर जासूसी यूनिट है, जो पहले दक्षिण कोरियाई ठिकानों के खिलाफ अन्य जासूसी प्रयासों से जुड़ी रही है।
लक्ष्य
इन लोगों काे बनाया गया लक्ष्य
जुलाई में जेनियंस द्वारा की गई खोज संदिग्ध उत्तर कोरियाई समूह द्वारा अपनी खुफिया जानकारी जुटाने के काम में AI का इस्तेमाल करने का नया उदाहरण है। इस साइबर अपराध के फिशिंग लक्ष्यों में दक्षिण कोरियाई पत्रकार, शोधकर्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल थे। यह ईमेल .mli.kr पर समाप्त होने वाले एक ईमेल पते से भी भेजा गया था, जो एक दक्षिण कोरियाई सैन्य पते का नकली रूप था। इससे कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई इसका पता नहीं चल पाया।