टेक कंपनियों से यूजर्स का डाटा मांगने के सरकारी मामले बढ़े, दक्षिण एशिया में भारत आगे
सरकार द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों से यूजर्स का डाटा मांगने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट पहले भी आती रही हैं। अब नई जानकारी के मुताबिक, ऐपल, गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियों से यूजर्स का डाटा मांगने के लिए सरकारी अनुरोध 2013 से 2021 तक 5 गुना से भी अधिक बढ़ गए हैं। इस मामले में अकेले 2021 में साल-दर-साल आधार पर लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
ऐपल ने सबसे ज्यादा सरकारी मांगें मानी
कंपनियों ने यूजर्स का डाटा मांगे जाने की सरकारी मांगों का पालन किया और प्रत्येक वर्ष डाटा मांगे जाने के मामले में औसतन 56,000 अधिक रिक्वेस्ट की वृद्धि देखी। ऐपल ने सरकार की मांग पर कार्रवाई करते हुए सबसे ज्यादा डाटा सौंपा। ऐपल ने अनुरोधों का 82 प्रतिशत तो मेटा ने 71.7 प्रतिशत मामलों में यूजर्स का डाटा सौंपा। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने डाटा मांगे जाने की 71 प्रतिशत और 68.2 प्रतिशत सरकारी मांगों का अनुपालन किया।
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सबसे ज्यादा मांगी जानकारी
टेक जगत की इन कंपनियों ने 2021 में 5.92 लाख रिक्वेस्ट की तुलना में 2013 में 1.27 लाख रिक्वेस्ट को पूरा किया था। अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने यूजर्स की जानकारी मांगने के सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट किए। 2013 से 2021 तक सभी रिक्वेस्ट में से सबसे अधिक लगभग 60 प्रतिशत रिक्वेस्ट सिर्फ अमेरिका और यूरोपीय संघ की तरफ से थी। साइबर सिक्योरिटी और VPN प्रोवाइडर सर्फशार्क ने यूजर्स का डाटा मांगने वाली रिपोर्ट दी है।
अमेरिका ने यूरोपीय संघ के देशों की तुलना में दोगुने से अधिक जानकारी मांगी
यूजर्स का डाटा मांगने के मामले में भारत का 2013-2021 के बीच प्रति एक लाख लोगों पर 58.7 अकाउंट्स का डाटा मांगने के साथ लिस्ट में 36वां नंबर है। चीन ने प्रति एक लाख लोगों पर 6.7 अकाउंट्स की डिटेल्स मांगी और लिस्ट में 65वें नंबर पर रहा। प्रति एक लाख अकाउंट के आधार पर लोगों का डाटा मांगने के मामले में अमेरिका ने सभी यूरोपीय संघ के देशों की तुलना में दोगुने से अधिक अकाउंट्स की जानकारी मांगी।
177 देशों ने 66 लाख से अधिक अकाउंट्स की जानकारी मांगी
टेक और सोशल मीडिया कंपनियों से यूजर्स का डाटा मांगने से जुड़े रिसर्च में कुल 177 देशों को शामिल किया गया। इन देशों ने 2013-2021 तक कुल मिलाकर 66 लाख से अधिक अकाउंट्स की जानकारी मांगी। अधिकांश रिक्वेस्ट आपराधिक जांच से संबंधित होती हैं। सर्फशार्क में प्राइवेसी सलाहकार गेब्रियल केवेकीटे ने कहा कि टेक कंपनियों से डाटा मांगने के अलावा अधिकारी अब ऑनलाइन तरीके से अपराध की निगरानी करने और उससे निपटने के तरीके तलाश रहे हैं।
डाटा के जरिए राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को ट्रैक करने के आरोप
डाटा के जरिए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और विपक्ष को निशाना बनाने के आरोप भी सरकारों पर लगते रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने सर्विलांस तकनीक को बढ़ावा देने पर अपनी चिंताएं व्यक्त की है। बाद में इन ट्रेकिंग का उपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि एक डाटा रिक्वेस्ट में कई अकाउंट्स को शामिल किया जा सकता है।