
सरकार AI-जनरेटेड कंटेंट को लेबल करने के लिए बना रही नियम, IT मंत्रालय ने रखा प्रस्ताव
क्या है खबर?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 22 अक्टूबर को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन का मसौदा जारी किया है। इसका उद्देश्य जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को रोकना है। प्रस्तावित परिवर्तनों में कृत्रिम रूप से उत्पन्न सूचना की स्पष्ट परिभाषा प्रस्तुत की गई है। महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों (SSMIs) को मेटाडेटा और दृश्य या साउंड चिह्नों के माध्यम से ऐसी सामग्री को लेबल करने की आवश्यकता है।
प्रतिबंध
किस पर लागू होंगे ये प्रतिबंध?
IT नियमों के तहत SSMIs वे प्लेटफॉर्म हैं, जिनके भारत में 50 लाख से ज्यादा पंजीकृत यूजर हैं। फेसबुक, यूट्यूब, स्नैप जैसे प्लेटफॉर्म 2021 के नियमों के तहत अतिरिक्त अनुपालन के लिए उत्तरदायी हैं। प्रस्तावित नियम 3(3) के तहत कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जो कृत्रिम रूप से उत्पन्न सामग्री के निर्माण को सक्षम बनाता है। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि जानकारी एक स्थायी विशिष्ट मेटाडेटा या पहचानकर्ता के साथ प्रमुखता से लेबल या एम्बेड की गई हो।
टैग
कैसे होगा टैग का इस्तेमाल?
नियमों के अनुसार, दृश्यमान पहचानकर्ता कंटेंट क्षेत्र के कम से कम 10 प्रतिशत को कवर करता हुआ या ऑडियो सामग्री के मामले में इसकी अवधि के शुरुआती 10 प्रतिशत के दौरान होनी चाहिए। मसौदा नियमों में यह भी कहा गया है कि मेटाडेटा या पहचानकर्ता को बदला, दबाया या हटाया नहीं जा सकता। मंत्रालय ने कहा कि ऐसी कृत्रिम सामग्री के निर्माण या संशोधन करने वाले प्लेटफाॅर्म्स को बताना होगा कि अपलोड की गई सामग्री AI जनरेटेड है या नहीं।