सरकार ने बैन किए 35 व्हाट्सऐप ग्रुप्स, फैला रहे थे अग्निपथ योजना से जुड़ी फेक न्यूज
केंद्र सरकार की ओर से रविवार को 35 व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर बैन लगाया गया है। इन ग्रुप्स में सेना भर्ती योजना- अग्निपथ से जुड़ी फेक न्यूज और अफवाहें शेयर की जा रही थीं। अग्निपथ योजना से जुड़े विरोध-प्रदर्शन के हिंसक होने के मामले कई शहरों में सामने आ चुके हैं और बिहार के कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगानी पड़ी है। सरकारी कड़ाई के झूठ फैलाने और हिंसा भड़काने वालों को ट्रैक कर रही है।
फेक न्यूज फैलाने वालों की गिरफ्तारी
व्हाट्सऐप ग्रुप्स बैन किए जाने के अलावा सरकार की ओर से फेक न्यूज और अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अग्निपथ योजना को लेकर फेक न्यूज फैलाते हुए युवाओं को उकसाने के मामले में कम से कम 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने नई योजना से जुड़ी सही जानकारी देने के लिए एक फैक्ट-चेक लाइन भी शुरू की है, जिससे अफवाहों से बचा जा सके।
अग्निपथ योजना के बारे में समझें
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। केवल चार साल के लिए भर्ती को लेकर युवा योजना वापस लेने की मांग करते हुए विरोध कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा
अग्निपथ योजना का बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में विरोध हो रहा है। बिहार और उत्तर प्रदेश में यह विरोध हिंसक हो चला है और कई ट्रेनों में आग लगाने के मामले भी सामने आए हैं। अकेले बिहार में रेलवे को करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात सामने आई है। सरकार का कहना है कि यह विरोध योजना से जुड़े तथ्य सामने ना आने के चलते हो रहा है।
ना बनें किसी भड़काऊ व्हाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा
व्हाट्सऐप यूजर के तौर पर जरूरी है कि आप किसी ऐसे ग्रुप का हिस्सा ना बनें, जिसमें फेक न्यूज, अफवाहें या भड़काने वाली बातें शेयर की जा रही हों। ऐसे ग्रुप का हिस्सा बनने की स्थिति में सरकार की ओर से आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। अगर आपको ऐसे ग्रुप में शामिल किया जाता है, तो ग्रुप लीव करने के अलावा आप उसे रिपोर्ट कर सकते हैं। साथ ही एडमिन्स को फेक न्यूज की चेतावनी दे सकते हैं।
मेसेजिंग ऐप की सेटिंग्स में करें ये बदलाव
कई बार अनजान यूजर्स आपको ऐसे ग्रुप्स का हिस्सा बना देते हैं, जिनसे आप नहीं जुड़ना चाहते। व्हाट्सऐप सेटिंग्स में बदलाव कर आप इस स्थिति से बच सकते हैं और तय कर सकते हैं कि केवल कॉन्टैक्ट्स आपको ग्रुप्स में शामिल कर पाएं। सेटिंग्स के प्राइवेसी सेक्शन में जाने के बाद ग्रुप्स चुन पाएंगे, जहां डिफॉल्ट सेटिंग 'एवरीवन' पर सेट होगी। अगर आप नहीं चाहते कि कोई अनजान यूजर आपको ग्रुप्स में शामिल करे तो 'माय कॉन्टैक्स्ट' विकल्प चुनना होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
व्हाट्सऐप के मंथली ऐक्टिव यूजर्स में से करीब 55 प्रतिशत रोजाना इस मेसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें, मेटा ऐप्स इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या करीब 78 प्रतिशत है, और 22 प्रतिशत यूजर्स अन्य ऐप्स इस्तेमाल करते हैं।