क्यों सरकार ने गूगल से फर्जी पेंसिल पैकिंग काम से जुड़े विज्ञापन हटाने को कहा?
क्या है खबर?
गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने गूगल को नोटिस जारी कर अपने विज्ञापन पारदर्शिता प्लेटफॉर्म पर 15 विज्ञापनदाता पेजों को हटाने के लिए कहा है। इनका धोखाधड़ी वाले पेंसिल-पैकिंग वर्क-फ्रॉम-होम योजना को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया गया था। एजेंसी ने कहा कि ये विज्ञापन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और भारतीय न्याय संहिता की कुछ धाराओं का उल्लंघन करते हैं और यूजर्स को नकली पहचान और वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से गुमराह करते हैं।
तरीका
इस तरह की जा रही धोखाधड़ी
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक पारदर्शिता के लिए बनाए गए गूगल विज्ञापन लाइब्रेरी के माध्यम से पहचाने गए विज्ञापनदाता हिंदुस्तान पेंसिल प्राइवेट लिमिटेड की नकल करते हुए स:शुल्क विज्ञापन प्रसारित कर रहे थे। इनमें घर से काम करने के आसान अवसर और 30,000 से 40,000 रुपये प्रति माह की कमाई का वादा किया गया था। नोटिस के अनुसार, ये दावे पूरी तरह से मनगढ़ंत थे और लोगों को धोखाधड़ी की गतिविधियों में फंसाने के लिए इस्तेमाल किए गए।
नोटिस
इन नियमों के तहत दिया गया नोटिस
IT अधिनियम की धारा 79(3)(B) और IT नियमों के नियम 3(1)(D) के तहत मध्यस्थों को सरकारी एजेंसी द्वारा सूचित किए जाने के बाद अवैध रूप से होस्ट किए गए कंटेंट को हटाना आवश्यक है। नोटिस में गूगल को निर्देश दिया है कि वह सूचना मिलने के 36 घंटों के भीतर सूचीबद्ध URL को डिसेबल कर दे। इसमें यह भी कहा गया है कि इन विज्ञापनों पर प्रतिक्रिया देने वाले व्यक्तियों के लिए यह वित्तीय नुकसान का कारण बन सकती है।