सरकार ने बाल यौन शोषण कंटेंट पर कार्रवाई के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से मांगी रिपोर्ट
क्या है खबर?
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी सामग्री (CSAM) पर उनकी कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
पिछले हफ्ते हुई बैठक में मेटा, गूगल और अन्य प्लेटफॉर्म्स को 2 हफ्तों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया। सरकार ऐसा सिस्टम बना रही है, जिससे लोकल पुलिस को ऐसे कंटेंट की जानकारी तुरंत दी जा सके।
सोशल मीडिया कंपनियों की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भेजी जाएगी, जो इसे आगे संसदीय समिति को सौंपेगा।
कानून
अमेरिकी और भारतीय कानूनों में अंतर
अमेरिका के कानूनों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियां CSAM की रिपोर्ट सिर्फ एक अमेरिकी NGO, नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन (NCMEC) को दे सकती हैं।
भारत में 2024 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, इन्हें स्थानीय पुलिस को भी सूचित करना अनिवार्य है।
इस कानूनी टकराव की वजह से सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत और अमेरिका के नियमों के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है। कंपनियां इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं।
समाधान
समाधान की संभावनाएं
जनवरी में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा आयोजित बैठक में इस समस्या पर चर्चा हुई थी।
सोशल मीडिया कंपनियों ने सुझाव दिया कि भारत सरकार को NCMEC के साथ आधिकारिक समझौता करना चाहिए, जिससे कानूनी रूप से सही रिपोर्टिंग प्रणाली बनाई जा सके।
अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर API लगाने के विकल्प पर भी विचार किया, जिससे CSAM रिपोर्टिंग सीधे सरकार के सहयोग सिस्टम से जुड़ सके। हालांकि, कंपनियां अभी भी दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रही हैं।