
गूगल अगले साल से बदल देगा एंड्रॉयड डिवाइस पर ऐप इंस्टाॅल का तरीका, जानिए वजह
क्या है खबर?
गूगल अगले साल से एंड्रॉयड डिवाइस पर ऐप इंस्टॉल करने के तरीके में एक बदलाव करने जा रहा है। कंपनी अब एक डेवलपर सत्यापन कार्यक्रम ला रही है। इसके तहत सभी एंड्रॉयड डेवलपर्स को अपने ऐप को 'सर्टीफाइड एंड्रॉयड डिवाइस' पर इंस्टॉल करने के लिए गूगल द्वारा सत्यापित होना होगा। अन्यथा असत्यापित डेवलपर्स की ऐप की साइडलोडिंग को ब्लॉक कर देगा। बता दें कि गूगल प्ले स्टोर के लिए यह नियम 2024 से ही लागू कर दिया गया था।
लागू
किस पर लागू होगा यह बदलाव?
नए बदलाव के तहत एंड्रॉयड डिवाइस पर अपने ऐप्स पेश करने के लिए थर्ड-पार्टी ऐप डेवलपर्स को भी गूगल के साथ पंजीकृत होना होगा। यह परिवर्तन उन सभी फोन पर लागू होगा, जिनमें गूगल सर्विसेज पहले से इंस्टॉल हैं, लेकिन कस्टम रोम या कुछ चीनी डिवाइसों पर लागू नहीं होगा, जिनमें गूगल सर्विसेज नहीं हैं। इस सत्यापन कार्यक्रम के जरिए वह डेवलपर की पहचान सत्यापित करेगी, लेकिन उनके ऐप के कंटेंट की समीक्षा नहीं कर सकेगी।
योजना
कब तक लागू करने की है योजना?
टेक दिग्गज एक नया एंड्रॉयड डेवलपर कंसोल भी बना रहा है, जहां ऐप स्टोर के बाहर ऐप वितरित करने वाले डेवलपर्स को अपना सत्यापन पूरा करने के लिए पंजीकरण करना होगा। गूगल अक्टूबर से नए सिस्टम का परीक्षण शुरू करेगा, जबकि सभी डेवलपर्स को मार्च, 2026 में नए एंड्रॉयड कंसोल तक पहुंच प्राप्त होगी। वह सितंबर, 2026 में ब्राजील, इंडोनेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड में और फिर 2027 में वैश्विक स्तर पर लागू कर सकती है।
कारण
बदलाव के पीछे यह वजह
इस बदलाव के पीछे का कारण बताते हुए गूगल का दावा है कि उसके आंतरिक डाटा से पता चलता है कि इंटरनेट पर साइडलोड किए गए ऐप्स से मैलवेयर का खतरा प्ले स्टोर से इंस्टॉल किए गए ऐप्स की तुलना में 50 गुना ज्यादा है। इस जोखिम को कम करने के लिए कंपनी सभी एंड्रॉयड डेवलपर्स की पहचान उजागर करना चाहती है। इससे पहला हानिकारक ऐप हटाने के बाद तुरंत दूसरा वितरित करना मुश्किल हो जाए।