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गूगल अंतरिक्ष में बनाएगी AI डाटा सेंटर, जानिए क्या है इसकी वजह 
गूगल अंतरिक्ष में AI डाटा सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है

गूगल अंतरिक्ष में बनाएगी AI डाटा सेंटर, जानिए क्या है इसकी वजह 

Nov 05, 2025
12:01 pm

क्या है खबर?

गूगल ने अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा से संचालित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डाटा केंद्र बनाने के लिए प्रोजेक्ट सनकैचर शोध परियोजना की घोषणा की है। इसमें सौर ऊर्जा से चलने वाले उपग्रहों का एक समूह कंपनी के टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स (TPUs) या AI चिप्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाएंगे। ये उपग्रह फ्री-स्पेस ऑप्टिकल लिंक के माध्यम से आंतरिक रूप से और पृथ्वी से भी जुड़े हो सकते हैं, जिससे अंतरिक्ष में एक AI डाटा सेंटर का निर्माण होगा।

तैयारी 

प्रोजेक्ट को लेकर क्या है गूगल की तैयारी?

दिग्गज टेक कंपनी उपग्रह निर्माता प्लैनेट लैब्स के साथ मिलकर 2027 की शुरुआत तक 2 प्रोटोटाइप AI उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए काम कर रहा है। इसका लक्ष्य कक्षा में हार्डवेयर का परीक्षण करना है। मैकिन्से एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह महत्वाकांक्षी परियोजना ऐसे समय में शुरू हो रही है, जब 2030 तक AI डाटा सेंटर क्षमता की वैश्विक मांग 19-22 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है।

फायदा 

इस प्रोजेक्ट से कंपनी को क्या होगा फायदा?

प्रोजेक्ट सनकैचर इस तथ्य का लाभ उठाएगा कि एक सौर पैनल अंतरिक्ष में पृथ्वी की तुलना में 8 गुना अधिक उत्पादक हो सकता है। इससे लगभग निरंतर बिजली उत्पादन संभव होगा और बैटरियों पर निर्भरता कम होगी। कंपनी ने इस परियोजना पर अपनी प्रगति का विवरण देते हुए एक प्रीप्रिंट पेपर भी प्रकाशित किया है। इसके सामने पृथ्वी की निचली कक्षा में खुद को बनाए रखने, गुरुत्वाकर्षण विसंगतियों और वायुमंडलीय प्रतिरोध, विकिरण जोखिम और ताप प्रबंधन जैसी चुनौतियां भी हैं।

ऊर्जा खपत 

डाटा सेंटर में इतनी होती है ऊर्जा की खपत

AI डाटा सेंटर बहुत अधिक ऊर्जा की खपत करते हैं और अकेले सर्वर ही 60 फीसदी हिस्सा ले लेते हैं। स्टोरेज सिस्टम और नेटवर्किंग उपकरण प्रत्येक लगभग 5 फीसदी ऊर्जा की खपत करते हैं, जबकि कूलिंग सिस्टम, AI डाटा सेंटर की परिष्कृत तकनीक के आधार पर 7-30 फीसदी तक ऊर्जा की खपत कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि 2030 तक इन सेंटर्स की ऊर्जा खपत दोगुनी होकर वैश्विक ऊर्जा मांग का लगभग 3 फीसदी हो जाएगी।