
गूगल के अधिकारी ED के समक्ष पेश, जानिए क्या है मामला
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार (28 जुलाई) को अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के प्रचार से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गूगल के प्रतिनिधियों से पूछताछ की। इसके साथ ही मेटा के अधिकारी को भी तलब किया गया था, लेकिन वे गवाही देने नहीं पहुंचे। ED ने दोनों कंपनियों के अधिकारियों को 21 जुलाई को बुलाया था, लेकिन उनके द्वारा पेश होने के लिए समय मांगने पर उनकी गवाही की अवधि 28 जुलाई तक बढ़ा दी गई।
गवाही
गूगल अधिकारी के दर्ज हो सकते हैं बयान
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को कंपनी से कुछ दस्तावेज प्राप्त करने के अलावा धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गूगल के नामित कंप्लायंस ऑफिसर का बयान भी दर्ज कर सकती है। गूगल के प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह PTI को दिए एक बयान में कहा था कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित रखने तथा अवैध जुआ विज्ञापनों के प्रचार पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही जांच एजेंसियों को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने की बात कही।
मामला
क्या है यह मामला?
ऑनलाइन बेटिंग ऐप मामले की जांच कर रही ED ने 19 जुलाई को गूगल और मेटा को नोटिस भेज पूछताछ के लिए तलब किया था। अधिकारियों का आरोप है कि इन तकनीकी कंपनियों ने प्रमुख विज्ञापन स्लॉट प्रदान किए। साथ ही ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफाॅर्म्स से जुड़ी वेबसाइट्स को अपने-अपने प्लेटफाॅर्म्स पर दृश्यता प्राप्त करने की अनुमति दी, जिससे इन अवैध गतिविधियों की व्यापक पहुंच में योगदान मिला। ये ऐप्स मनी लॉन्ड्रिंग, हवाला लेनदेन और अन्य वित्तीय अपराधों में लिप्त हैं।