
कैसे राज्यपाल के नाम पर हो रही धोखाधड़ी? जानिए बचाव के तरीके
क्या है खबर?
तकनीकी के दौर में ऑनलाइन फ्रॉड के रोजना नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अब धोखाधड़ी का एक अलग ही मामला सामने आया है। यहां युवाओं को ठगने के लिए प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत कई दिग्गज हस्तियों के नाम का इस्तेमाल किया गया। राज्यपाल के उप सचिव ने साइबर अपराध पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। आइये जानते हैं यह धोखाधड़ी कैसी की जा रही थी और ऐसे मामलों से कैसे बचें।
तरीका
इस तरह हो रही धोखाधड़ी
साइबर अपराधियों ने खिलाड़ियों को ठगने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने का जाल बिछाया और इसके लिए एक फर्जी वेबसाइट www.indiansportsaward.org बनाकर इस पर आवेदन मांगे। वेबसाइट को खोलने पर इस पर डोनेशन के लिए एक QR कोड खुलता है। इस पर विभिन्न सरकारी विभागों के लिए डोनेशन मांग कर लोगों को लूटा जा रहा था। किसी ने 25 जुलाई को इसकी जानकारी राज्यपाल कार्यालय को दी, जिसके बाद प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की जांच में वेबसाइट फर्जी निकली।
गुमराह
इन हस्तियों के नाम से किया गुमराह
युवाओं को गुमराह करने के लिए साइबर अपराधियों ने दिग्गज हस्तियों के नाम का दुरुपयोग किया, ताकि किसी तरह का संदेह न हो। इसके लिए पुरस्कार चयन समिति में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की अध्यक्ष पीटी ऊषा, ओलंपियन नीरज चोपड़ा, सिक्किम और बिहार के राज्यपाल के नाम दर्शाये हैं। विश्वास दिलाने के लिए सरकारी विभागों के लोगो, प्रतीक चिह्नों और पुस्कार के फोटो का इस्तेमाल किया गया है।
बचाव
धाेखाधड़ी से कैसे करें बचाव?
किसी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए वेबसाइट्स की प्रामाणिकता की हमेशा पुष्टि करें, खासकर उन वेबसाइट्स की जिनमें सार्वजनिक हस्तियां शामिल हों। URL में 'https' से शुरू हो रहा है तो यह सुरक्षित है, अगर 'http' है तो भरोसा नहीं करें। इसके अलावा URL में वर्तनी की अशुद्धि होने पर भी सतर्क हो जाएं। संदेह होने पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकते हैं।