फिटनेस बैंड बनाने वाली कंपनी फिटबिट ने कोरोना संक्रमितों के लिए बनाया वेंटिलेटर
स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड बनाने वाली कंपनी फिटबिट इस समय वेंटिलेटर भी बना रही है। कोरोना वायरस (COVID-19) मरीजों की मदद के लिए कंपनी ने वेंटिलेटर का निर्माण किया है। कंपनी ने इस 'उच्च गुणवता, कम कीमत और आसानी से इस्तेमाल' हो सकने वाले वेंटिलेटर को फिटबिट फ्लो (Fitbit Flow) नाम दिया है। इसे इस्तेमाल करने के लिए अमेरिकी प्रशासन की मंजूरी भी मिल गई है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
किस से प्रेरित है फिटबिट फ्लो?
बताया जा रहा है कि यह वेंटिलेटर मैसाचुसैट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) द्वारा डिजाइन किए गए E-Vent डिजाइन टूलबॉक्स से प्रेरित है। कंपनी ने मरीजों के लिए इसकी जरूरत को समझने के लिए अस्पतालों के साथ काम किया था।
कंपनी के CEO ने क्या कहा?
वेंटिलेटर के बारे में जानकारी देते हुए कंपनी के सह-संस्थापक और CEO जेम्स पार्क ने कहा, "इस संकट की घड़ी में हमें हमारे पास मौजूद सभी चीजों से ऐसे प्रोडक्ट तैयार करने चाहिए जो मरीजों और उनकी देखभाल कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की मदद कर सके। हम एडवांस सेंसर, उत्पादन और हमारी सप्लाई चैन का इस्तेमाल कर इस गंभीर समस्या का सामना और वेंटिलेटर की आवश्यकताओं को पूरा कर इस लड़ाई में योगदान दे सकते हैं।"
अलग-अलग देशों में वेंटिलेटर भेजने की योजना बना रही कंपनी
फिटबिट फ्लो में अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले वेंटिलेटर की तरह तमाम सुविधाएं दी गई हैं। इसमें सेंसर और अलार्म लगाए गए हैं। ये ऑक्सीजन की जरूरी मात्रा और मरीज की हरकतों पर नजर रखते हैं। कंपनी अमेरिकी प्रशासन के साथ मिलकर घरेलू स्तर पर वेंटिलेटर की मांग समझ रही है ताकि वहां आपूर्ति की जा सके। साथ ही फिटबिट दुनियाभर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वेंटिलेटर भेजने की योजना बना रही है।
कोरोना संक्रमितों को इसलिए पड़ती है वेंटिलेटर की जरूरत
कोरोना वायरस के मरीजों को निमोनिया होता है। वायरस के शरीर में जाने के बाद मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है, जिसे ब्रांकिओल्स बोला जाता है। इससे सांस लेते समय फेफड़ों और उन सभी नसों में जलन होती है, जहां से हवा गुजरती है। कई बार हालत इतनी खराब हो जाती है कि मरीज न सांस ले पाता है और न ही सांस छोड़ पाता है। ऐसी स्थिति में संक्रमित व्यक्ति के लिए वेंटिलेटर की जरूरत होती है।
वेंटिलेटर क्या होता है?
वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन होती है जो तब काम आती है, जब मरीज खुद से सांस नहीं ले पाता है। वेंटिलेटर में ऑक्सीजन का इस्तेमाल होता है। यह ऑक्सजीन के साथ दूसरी गैसों को मिलाकर निश्चित मात्रा में मरीज के फेफड़ों तक हवा पहुंचाता है।
दुनियाभर में कितने लोग संक्रमित?
पिछले साल दिसंबर में चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस दुनियाभर में अब तक 65 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। इनमें से 3.86 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, यहां अब तक 18.51 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 1.07 लाख लोगों की मौत हुई है और 4.80 लाख लोग महामारी को हराकर ठीक हुए हैं।
भारत में दो लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 2,16,919 हो गई है। वहीं पिछले 24 घंटे में कोरोना से मरने वालों की संख्या 260 रही, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 6,075 हो गई।