ड्रीम-11 ने अपना टेक स्टैक किया ओपन-सोर्स, डेवलपर्स और स्टार्टअप्स अब मुफ्त में कर सकेंगे इस्तेमाल
क्या है खबर?
ड्रीम-11 की पेरेंट कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स ने अपने खास टेक्नोलॉजी इंजन को ओपन-सोर्स करने की घोषणा की है। यह इंजन अब होराइजनOS नाम से सभी के लिए मुफ्त उपलब्ध होगा। ड्रीम स्पोर्ट्स के CEO हर्ष जैन ने बताया कि भारत में काम करने के लिए उन्हें खुद का सिस्टम बनाना पड़ा, जो 30 करोड़ यूजर्स, 1.6 करोड़ एक साथ ऑनलाइन और 1 लाख ट्रांजैक्शन प्रति सेकंड संभाल सकता है। यह सिस्टम बनाने में 500 इंजीनियरों ने 10 साल काम किया।
लॉन्च
कब होगा यह लॉन्च?
होराइजनOS को मुंबईहैक्स 2025 इवेंट में आधिकारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा, जो 28 और 29 नवंबर को मुंबई में होने वाला एक बड़ा AI हैकाथॉन है। कंपनी यह कदम ऐसे समय में उठा रही है जब ऑनलाइन गेमिंग कानून में बदलाव के कारण उसके पुराने बिजनेस मॉडल पर असर पड़ा है। होराइजनOS ड्रीम स्पोर्ट्स के नए SaaS बिजनेस होराइजन का हिस्सा होगा और इसका मकसद अपने अनुभव और टेक्नोलॉजी को ओपन-सोर्स करके डेवलपर कम्युनिटी की मदद करना है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पोस्ट
While hyperscaling @Dream11 we tried all SaaS poss but broke EVERYTHING
— Harsh Jain (@harshjain85) November 28, 2025
India-scale needed Indian-built sys to manage 300M users, 16M concurrency & 100K TPS 🇮🇳
We're open sourcing this engine - FREE forever!
HorizonOS is everything we built with 500 engg for 10 yrs in Mumbai 💪 https://t.co/BnrW69ZY1c
फायदे
डेवलपर्स के लिए फायदे
होराइजनOS डेवलपर्स को कई जरूरी टूल्स और सिस्टम प्रदान करेगा, जिनसे वे तेजी से एप्लिकेशन बना, टेस्ट कर और लॉन्च कर सकेंगे। इसमें ऐसे बिल्डिंग ब्लॉक भी शामिल हैं जो बड़े स्तर पर एप्लिकेशन चलाने में मदद करते हैं। पिछले वर्षों में ड्रीम-11 बहुत तेजी से बढ़ा है और इसका रियल-टाइम ट्रैफिक दुनिया के कई बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के बराबर रहा है। इसी अनुभव को अब कंपनी ओपन-सोर्स के रूप में सभी डेवलपर्स के लिए उपलब्ध करा रही है।
लाभ
कौन-कौन लाभ उठा सकेगा?
होराइजनOS का उपयोग ई-कॉमर्स, फिनटेक, हेल्थटेक जैसे कई सेक्टर्स के स्टार्टअप और छोटे बिजनेस कर सकेंगे। यह सिस्टम एप्लिकेशन डेवलपमेंट का काम आसान बनाने के साथ उनके खर्च भी कम करेगा। ड्रीम-11 पहले से रिएक्ट नेटिव जैसे ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स में योगदान देता रहा है, और अब होराइजनOS के जरिए भारत के टेक इकोसिस्टम को और मजबूत करना चाहता है। कंपनी का मानना है कि यह कदम देश में आत्मनिर्भर डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देगा।