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DRDO ने पूरी की स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप की पहली परीक्षण उड़ान, देश की सुरक्षा होगी मजबूत
DRDO ने पूरी की स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप की पहली परीक्षण उड़ान (तस्वीर: DRDO)

DRDO ने पूरी की स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप की पहली परीक्षण उड़ान, देश की सुरक्षा होगी मजबूत

May 04, 2025
12:13 pm

क्या है खबर?

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मध्य प्रदेश के श्योपुर परीक्षण स्थल से स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। इस एयरशिप को आगरा की एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने तैयार किया है। इसे करीब 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक इंस्ट्रूमेंटल पेलोड के साथ भेजा गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उड़ान परीक्षण को बड़ी उपलब्धि बताते हुए DRDO को बधाई दी है।

जरूरत

क्या है एयरशिप की खासियत और क्यों है इसकी जरूरत? 

यह एयरशिप हवा से हल्का होता है और ऊंचाई पर लंबे समय तक टिक सकता है। इसमें सेंसर लगे होते हैं, जो ऊंचाई से पृथ्वी की निगरानी, खुफिया जानकारी और सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखते हैं। यह तकनीक सैटेलाइट की तरह काम करती है, लेकिन इसे लॉन्च और संचालित करना सस्ता होता है। इससे भारत की निगरानी क्षमता बेहतर होगी और सीमाओं की सुरक्षा में मजबूती आएगी। ऐसी स्वदेशी तकनीक केवल कुछ देशों के पास ही है।

आंकड़े

परीक्षण के दौरान मिले अहम आंकड़े

उड़ान के दौरान ऑनबोर्ड सेंसर से जरूरी आंकड़े मिले हैं, जिनसे भविष्य में सटीक सिमुलेशन मॉडल बनाए जाएंगे। इसमें एनवेलप प्रेशर कंट्रोल और इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम का परीक्षण भी किया गया। उड़ान करीब 62 मिनट तक चली और उसके बाद सिस्टम को जांच के लिए वापस लाया गया। DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने इसे भविष्य की दिशा में मील का पत्थर बताया है, जो भारत को ऊंचाई पर निगरानी रखने में नई ताकत देगा।

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