सरकार ने फोन कंपनियों के लिए संचार साथी ऐप से संबंधित दिशा-निर्देश किए जारी
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के लिए संचार साथी ऐप से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से जारी इस आदेश में कहा गया है कि सभी नए स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करके दिया जाए। केंद्र सरकार का मानना है कि यह कदम देश के नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने, नकली फोन से बचाने और फ्रॉड मामलों की रिपोर्टिंग आसान बनाने के लिए जरूरी है।
दिशा-निर्देश
दिशा-निर्देश में कंपनियों से क्या कहा गया?
DoT के आदेश के अनुसार, यह ऐप फोन के पहले सेटअप में ही साफ दिखाई देना चाहिए और इसकी सुविधाओं को बंद या सीमित नहीं किया जा सकता। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐप आसानी से खुल सके और यूजर इसे बिना किसी रोक के इस्तेमाल कर सकें। जो फोन पहले ही बन चुके हैं और बाजार में पहुंच चुके हैं, उन्हें भी सॉफ्टवेयर अपडेट देकर यह ऐप भेजने की कोशिश करनी होगी।
प्रक्रिया
नकली IMEI का खतरा और आगे की प्रक्रिया
सरकार के मुताबिक, नकली या छेड़छाड़ किए गए IMEI वाले फोन एक समय में कई जगह सक्रिय पाए जाते हैं, जिससे अपराध रोकने में मुश्किलें आती हैं और खरीदार अनजाने में जोखिम में पड़ जाता है। अब कंपनियों को 90 दिनों में इन निर्देशों को लागू करना होगा और 120 दिनों में अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी। सरकार ने कहा कि संचार साथी ऐप टेलीकॉम साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और यूजर्स को सुरक्षित रखने का एक प्रभावी तरीका है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें दिशा-निर्देश
DoT issues directions for the pre-installation of the Sanchar Saathi App on mobile handsets to verify their genuineness. The pre-installed App must be Visible, Functional, and enabled for users during the first setup. Manufacturers must ensure the App is easily accessible during… pic.twitter.com/qrddTZFVk9
— ANI (@ANI) December 2, 2025
खासियत
संचार साथी ऐप क्यों है महत्वपूर्ण?
संचार साथी ऐप IMEI नंबर से मोबाइल की असलियत जांचने, चोरी या गुम फोन को ब्लॉक कराने, फ्रॉड कॉल और मैसेज की शिकायत करने जैसी कई सुविधाएं देता है। सरकार का कहना है कि कई फोन नकली या छेड़छाड़ किए गए IMEI नंबर पर चलते हैं, जिससे साइबर सुरक्षा को बड़ा खतरा होता है। यह ऐप ऐसे मामलों को पहचानने में मदद करता है और यूजर्स को सुरक्षित रखता है, खासकर सेकंड-हैंड मोबाइल बाजार में यह और काम आएगा।