आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए दिल्ली में ट्रैफिक संभालने की तैयारी, करेगा ये काम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इस समय लगभग पूरे विश्व में चर्चा में है। अब इसके जरिए देश में ट्रैफिक सिस्टम को का संचालन करने की तैयारी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में भीड़भाड़ को कम करने और वाहनों की तेज और स्मार्ट आवाजाही के लिए AI आधारित इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) होगा। एक रोड सेफ्टी कांफ्रेंस में विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) सुरेंद्र सिंह यादव ने कहा ITMS लागू होने में 1 से 1.5 साल का समय लगेगा।
क्या है ITMS?
ITMS एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो रियल टाइम में ट्रैफिक का आकलन करने के लिए AI का उपयोग करती है। इससे यात्रियों को रियल टाइम में ट्रैफिक की जानकारी मिल पाएगी। एक बयान में सुरेंद्र के हवाले से कहा गया कि ITMS से ट्रैफिक मैनेजमेंट में मानव हस्तक्षेप कम हो जाएगा और दिन के दौरान ट्रैफिक सिग्नल ऑटोमैटिक रूप से काम करेंगे। इस सिस्टम के पीछे 1,400 करोड़ रुपये खर्च आंका गया है।
इमरजेंसी कॉरिडोर्स और एंबुलेंस सर्विस के लिए ऐसे होगा इस्तेमाल
सुरेंद्र सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोड सेफ्टी पर गठित एक विशेष समिति का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि वे राष्ट्रीय राजधानी में यातायात को और अधिक सुचारू बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के पहल पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम यह भी देख रहे हैं कि टेक्नोलॉजी इमरजेंसी कॉरिडोर्स और एंबुलेंस सर्विस के लिए कैसे मदद करेगी। हम यह भी देख रहे हैं कि इससे ट्रैफिक कंट्रोल रूम और एंबुलेंस नेटवर्क के बीच संचार को कैसे सुधार सकते हैं।"
रेड लाइट और तेज स्पीड है बड़ा मामला
सुरेंद्र ने कहा कि हादसों में मौतों की बढ़ती संख्या देखते हुए सड़क सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है। उनके मुताबिक, दिल्ली में दर्ज हुई 2,300 दुर्घटनाओं में से 40 प्रतिशत पैदल यात्रियों के साथ हुई थीं। प्रति माह तेज स्पीड और रेड लाइट से जुड़े लगभग 3.5 लाख ट्रैफिक नियम उल्लंघन के मामले सामने आते हैं। ऐसे में वाहन मालिकों की जिम्मेदारी के लिए ये सिस्टम महत्वपूर्ण होगा। दिल्ली में लगभग 1.4 करोड़ ट्रैफिक चालान लंबित हैं।
वाहनों के मेंटेनेंस से कम की जा सकती हैं सड़क दुर्घटनाएं
एसोचैम के ग्लोबल वैल्यू चेन काउंसिल के चेयरपर्सन विनोद पांडे ने वाहन दुर्घटना को कम करने के लिए नई डिजिटल टेक्नोलॉजी के साथ ही वाहनों के नियमित मेंटेनेंस पर जोर दिया। वाहनों के मेंटेनेंस को उन्होंने दुर्घटनाएं कम करने वाला एक प्रभावशाली तरीका बताया। इसके साथ ही व्हीकल-टू-व्हीकल कम्यूनिकेशन, ई-कॉल, सेफ्टी अलर्ट और एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम्स (ABS) आदि टेक्नोलॉजी को भी एक्सीडेंट कम करने के लिए मददगार बताया।