विक्रम लैंडर सफलतापूर्वक चांद पर उतर गया है। इसके साथ ही चंद्रयान-3 के 3 प्रमुख उद्देश्यों में से एक पूरा हो गया है। अब अगला उद्देश्य लैंडर में रखे प्रज्ञान रोवर को बाहर निकालना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 4 घंटे बाद रोवर बाहर आएगा चांद की सतह पर घूमेगा।
विक्रम लैंडर की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन को सफल बनाने वाली टीम का धन्यवाद किया।
विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सफलता अकेले भारत की नहीं है। हमारा चंद्र मिशन भी मानव-केंद्रित भावना पर आधारित है। यह पूरी मानवता के लिए है। यह भविष्य में दूसरे देशों के चंद्र मिशनों में भी मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO, टीम चंद्रयान और सभी वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि इन लोगों ने इस पल के लिए सालों परिश्रम किया है। इस अद्भुत पल के लिए 140 करोड़ देशवासियों को बधाई हो। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिण ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक कोई भी देश नहीं पहुंच सका। आज से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे। नई पीढ़ी के लिए कहावतें बदल जाएंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई चेतना का है। यह क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की यह अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हमारे वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत चांद पर पहुंच गया है। आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
ISRO प्रमुख ने बताया कि भारत चांद पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विक्रम लैंडर चांद पर सुरक्षित लैंड हो गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि इस इतिहास को देखकर जीवन धन्य हो गया है।
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर पहुंच चुका है। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। चांद पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश है।
विक्रम लैंडर चांद की सतह की तरफ बढ़ रहा है। अब यह चांद की सतह से महज 600 मीटर ऊपर है। लगभग 150 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह कुछ सेकंड तक वहां मंडराएगा और उतरने की जगह का जायजा लेगा।
ISRO के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 65 लाख से अधिक लोग इस इवेंट को देख रहे हैं। इस चैनल के अलावा ISRO के फेसबुक पेज और आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसका प्रसारण किया जा रहा है। इन सबके अलावा देश और दुनिया में करोड़ों लोग टीवी के जरिये इसे देख रहे हैं।
BRICS सम्मेलन में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली इस लैंडिंग इवेंट को देख रहे हैं। वो दक्षिण अफ्रीका में बैठे-बैठे ISRO के वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं।
चांद पर उतरने के लिए विक्रम लैंडर लगातार हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी को कम कर रहा है और अभी तक यह तय मानकों पर ही चल रहा है। अब यह चांद की सतह से लगभग 22 किलोमीटर ऊपर रह गया है।
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर अब अपने आप चांद की सतह की तरफ बढ़ रहा है। अब इसमें जमीन से किसी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। इसके कंप्यूटर और नेविगेशन सिस्टम में फीड एल्गोरिदम की मदद से यह चांद की सतह से अपनी दूरी घटा रहा है।
रफ ब्रेकिंग फेज में लैंडर की हॉरिजॉन्टल वेलोसिट 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घटकर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बिल्कुल धीमी हो जाएगी। इस चरण की शुरुआत हो गई है। कंट्रोल रूम में बैठे वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया। इसे पावर डिसेंट भी कहा जा सकता है।
रफ ब्रेकिंग फेज में लैंडर की हॉरिजॉन्टल वेलोसिट 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घटकर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए बिल्कुल धीमी हो जाएगी। इसके बाद एल्टिट्यूड होल्डिंग फेज आएगा। इसमें लैंडर चांद की सतह से 7.43 किलोमीटर ऊपर रहेगा और यह हॉरिजॉन्टल से होकर वर्टिकल स्थिति में आ जाएगा। इसके बाद फाइन ब्रेकिंग फेज आएगा। यह 175 सेकंड तक चलेगा और यह चांद से करीब 1 किलोमीटर ऊपर रहेगा। अंतिम चरण टर्मिनल डिसेंट का होगा, जिसमें लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।
विक्रम लैंडर का वजन 1,752 किलोग्राम है और यह 4 वैज्ञानिक पेलोड्स को अपने साथ लेकर गया है। इसमें चांद पर भूकंप को मापने वाला उपकरण ILSA, चांद की सतह का तापमान मापने वाला उपकरण CHaSTE, मून सिस्टम के डायनामिक्स की जानकारी देने वाला LRA चांद की सतह के करीब प्लाज्मा की डेन्सिटी मापने वाला लेंगमुइर प्रोब है।
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह विक्रम लैंडर की लैंडिंग का इवेंट देखने के लिए दिल्ली स्थित CSIR मुख्यालय पहुंचे हैं। बता दें कि दिल्ली के अनुसंधान भवन में भी इवेंट का लाइव प्रसारण देखने की व्यवस्था की गई है।
चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल लगातार चांद की सतह की तरफ बढ़ रहा है। अगर सब कुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो 6:04 बजे यह चांद की सतह पर उतर जाएगा। इस इवेंट का प्रसारण शुरू हो गया है और आप ISRO के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसे लाइव देख सकते हैं।
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग के लिए अनुमानित समय 6:04 मिनट है। अगर सब कुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो अब से थोड़ी देर बाद भारत इतिहास रच सकता है। इस कामयाबी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए हुए हैं। वे वहीं से कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे और इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। वे ISRO के मिशन चंद्रयान के 9 रत्नों से वर्चुअली बात भी करेंगे।