चंद्रयान-3 के साथ भारत चांद पर उतरने की दूसरी कोशिश कर रहा है। उम्मीद करते हैं कि यह कोशिश सफल रहेगी और यह मिशन चांद की सतह पर भारत और ISRO की छाप छोड़ने में सफल रहेगा। जय हिंद!
चंद्रयान-3 मिशन में भेजा गया रोवर चांद की सतह पर ISRO और भारत की छाप छोड़ेगा। दरअसल, इसके पहियो पर ISRO का लोगो और अशोक चिन्ह उकेरा गया है। जैसे-जैसे रोवर सतह पर आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे इनकी छाप पड़ती जाएगी।
14 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-3 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। कक्षा में परिक्रमा करने के बाद 23 अगस्त को इसकी लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अब कुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो यह 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर कदम रखेगा।
मिशन के सफलतापूर्वक लॉन्च होने के बाद ISRO प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-3 की यात्रा शुरू हो गई है। उन्होंने इसे यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए टीम का परिचय करवाया।
22 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-3 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। कक्षा में परिक्रमा करने के बाद 23 अगस्त को इसकी लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अब कुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो यह 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर कदम रखेगा।
उड़ान भरने के बाद मिशन के सारे फंक्शन ठीक तरीके से काम कर रहे हैं और अब सबकी नजरें रॉकेट से चंद्रयान-3 के अलग होने पर टिकी है। इस मिशन को श्रीहरिकोटा से तय समय 2:35 मिनट पर लॉन्च किया गया था।
ISRO का चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च हो चुका है। श्रीहरिकोटा से रॉकेट ने 2:35 मिनट पर उड़ान भरी। इस मौके पर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में 3 मिनट का समय बचा है और अब अंतिम तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है। अभी तक इस मिशन के सारे सिस्टम ठीक तरीके से काम कर रहे हैं और इसे उड़ान के लिए हरी झंडी मिल चुकी है।
लॉन्च व्हीकल मार्क-3 ऑटोमैटिक लॉन्च सीक्वेंस में चला गया है और अब इस पर लगे कंप्यूटर्स ने कमांड देनी शुरू कर दी है। इसके सभी सिस्टम ठीक तरीके से काम कर रहे हैं और इससे पहले इसे लॉन्च की अनुमति दे दी गई है। अब से कुछ मिनट बाद ही यह उड़ान भरेगा।
चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग में अब कुछ ही मिनट बाकी रहे हैं। लॉन्चिंग को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ISRO मुख्यालय में मौजूद हैं।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में 30 मिनट से भी कम का समय बचा है। इसे 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इसे देखने के लिए ISRO मुख्यालय में कई बड़े वैज्ञानिक मौजूद हैं। लॉन्चिंग देखने के लिए सतीश धवन स्पेस सेंटर के बाहर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए हैं।
'आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है।यह मिशन सफल हो, इसके लिए ISRO की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।'
'आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है।यह मिशन सफल हो, इसके लिए ISRO की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।'
चंद्रयान-3 का इंजन बनाने वाली कंपनी गोदरेज एयरोस्पेस के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड मानेक बहरामकामदीन ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मिशन है। गोदरेज ने इसके दो इंजनों के लिए हार्डवेयर का काम किया है, ये सेंकड स्टेज के इंजन हैं।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी ISRO ने महिला अंतरिक्ष वैज्ञानिक ऋतु करिधाल को सौंपी है। लखनऊ में पैदा हुईं ऋतु को 2007 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। वह आज 'रॉकेट वुमन' के नाम से भी जानी जाती हैं।
धरती से चांद की दूरी लगभग 3.84 लाख किलोमीटर है। हालांकि, ईंधन बचाने के लिए चंद्रयान-3 लंबी दूरी वाले मार्ग से चांद पर जाएगा। ऐसे में यह दूरी और बढ़ जाएगी। लाखों किलोमीटर की इस दूरी को तय कर चंद्रयान-3 का लैंडर 23 या 24 अगस्त को चांद की सतह पर उतर सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा। इस मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की पूरी टीम के साथ-साथ और समस्त देशवासियों को अनंत शुभकामनाएँ। उम्मीद है कि हम शीघ्र ही चांद पर भी तिरंगा फहराएंगे।'
2020 में तत्कालीन ISRO प्रमुख के सिवन ने बताया था कि चंद्रयान-3 मिशन पर 615 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें 250 करोड़ रुपये लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल पर खर्च होंगे और करीब 365 करोड़ रुपये लॉन्च सर्विस पर लगेंगे। हालांकि, यह महामारी के कारण इस मिशन में देरी हुई है, जिससे संभवत: लागत बढ़ी है।
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करेगा। इस यान के इंजन का निर्माण महाराष्ट्र के मुंबई स्थित गोदरेज एयरोस्पेस नामक कंपनी ने किया है। यह कंपनी 1985 से ISRO के लिए सबसे बड़ी निजी निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं में से एक रही है।
200 से अधिक स्कूली बच्चे चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग देखने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचे हैं। आप भी ISRO के यूट्यूब चैनल के जरिये घर बैठे इसकी लॉन्चिंग देख सकते हैं।